भभुआ नगर : इतनी सघनता से हर रोज पुलिस बाइक चेकिंग अभियान चलाती, तो चोर क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन, पुलिस दो-तीन दिन तक सघन वाहन चेकिंग अभियान चला कर पुन: पुराने ढरे पर आ जायेगी. यह वाक्या हम नहीं कर रहे हैं. बल्कि गुरुवार को समाहरणालय गेट के पास हो रहे चेकिंग अभियान के दौरान खड़े अन्य बाइक वाहन के मालिकों ने कहा.
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काश! ऐसे ही हर रोज बाइक चेकिंग होती, तो परिंदा भी पर नहीं मारता
भभुआ नगर : इतनी सघनता से हर रोज पुलिस बाइक चेकिंग अभियान चलाती, तो चोर क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन, पुलिस दो-तीन दिन तक सघन वाहन चेकिंग अभियान चला कर पुन: पुराने ढरे पर आ जायेगी. यह वाक्या हम नहीं कर रहे हैं. बल्कि गुरुवार को समाहरणालय गेट के पास हो रहे […]
यहां उपस्थित हर लोगों के जुबान पर यही चर्चा थी कि पुलिस इसी तरह हर दिन शहर से लेकर ग्रामीणों इलाकों के मुख्य जगहों पर वाहन चेकिंग अभियान चलाती, तो जिले से हर रोज वाहन चोरी की घटना में कमी आ जाती. जिले के सबसे सुरक्षित स्थान जिला मुख्यालय के पास से बाइक की चोरी होना पुलिस की कार्यशैली पर सवार खड़ा कर रहा है. गौरतलब है कि बीते 11 जून को समाहरणालय परिसर से ही एक शिक्षक की बाइक पर चोरों ने अपना हाथ साफ कर दिया था.
शिक्षक अपनी बाइक खड़ा कर काम के लिए कार्यालय में गये थे, जब बाहर आये तो उसकी बाइक गायब थी. इसके बाद उसके होश उड़ गये और दौड़ेञदौड़े इसकी शिकायत करने एसपी के पास पहुंचे. इस मामले को लेकर प्रभात खबर ने 12 जून के अंक में ” समाहरणालय से शिक्षक की बाइक ले उड़े चोर” प्रमुखता से छापा था. इसके बाद एसपी के कड़े निर्देश के बाद शहर में वाहन चेकिंग अभियान शुरू हुआ.
वाहन चेकिंग अभियान का नजारा इसी से पता लगाया जा सकता है कि हर रोज खबर को कवरेज करने जानेवाले पत्रकारों की बाइक भी पुलिस द्वारा किनारे खड़ा करवा दिया गया और अपने पत्रकार होने का सबूत की मांग करने लगे. हालांकि, बाद में जांच के बाद पुलिस ने पत्रकारों को छोड़ दिया. इसके बाद वहां खड़े लोगों ने एक स्वर में कहा कि इसी तरह अगर पुलिस शहर से ग्रामीण इलाके में बाइक चेकिंग अभियान चलाती, तो लोगों को अपने वाहनों से हाथ नहीं धोड़ा पड़ता.
महीने में दर्जनभर बाइकों की चोरी
शहर में बाइक चोरों का हौसला इतना बुलंद है कि पिछली माह दर्जन भर बाइक की चोरी कर ली गयी है. चोरों की सक्रियता के आगे पुलिस लाचार सी बन गयी है. बाइक की चोरी होने से अन्य बाइक मालिकों में भय व्याप्त है. इसको लेकर जहां बाइक खड़ा कर लोग जाते हैं, उस जगह तस्वीर वाहन मालिकों को वापस तक घुमती रहती है कि कहीं हमारी बाइक चोरी तो नहीं हो गयी.
यहां तक जो व्यक्ति बाइक खड़ा का अपने काम से कार्यालय या अन्य जगह जाता है, तो काम पूरा होने तक दो से तीन बार बीच में आकर अपनी बाइकों को निहारता रहता है. चोर किसी न किसी इलाके में हर एक वाहन उड़ा ले जा रहे हैं.
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