भभुआ नगर : स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार के लिए जन्म व मृत्यु का ब्योरा अनिवार्य होता है. इसके लिए आइसीडीएस निदेशक आलोक कुमार ने राज्य के सभी आइसीडीएस जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र लिखकर इसके विषय में दिशा निर्देश जारी किया है. निर्देश में बताया गया है कि पूर्व में विकास आयुक्त की अध्यक्षता में संपन्न जीवनांक सांख्यिकी से संबंधित राज्यस्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय बैठक में नियमित रूप से ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) पर आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण करना अनिवार्य किया गया था. लेकिन, इसके संबंध में निर्देश के अनुपालन में कमी देखी गयी है.
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जन्म व मृत्यु पंजीकरण की नियमित समीक्षा अनिवार्य
भभुआ नगर : स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार के लिए जन्म व मृत्यु का ब्योरा अनिवार्य होता है. इसके लिए आइसीडीएस निदेशक आलोक कुमार ने राज्य के सभी आइसीडीएस जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र लिखकर इसके विषय में दिशा निर्देश जारी किया है. निर्देश में बताया गया है कि पूर्व में विकास आयुक्त की अध्यक्षता में […]
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के साथ इसकी नियमित समीक्षा भी अनिवार्य है. इसमें प्रगति लाने के लिए सभी जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी आइसीडीएस को निर्देशित किया गया है. साथ ही जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने एवं इसकी नियमित समीक्षा कर रिपोर्ट को जिले के संबंधित शाखा में जमा करने के भी निर्देश दिये गये हैं. वहीं स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार के लिए जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण एवं इसकी समीक्षा को जरूरी माना गया है.
सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को सभी उपकेंद्रों या आंगनबाड़ी केंद्रों पर ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस(वीएचएसएनडी)मनाया जाता है. इस दिन गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच, बच्चों का टीकाकरण के साथ स्वास्थ्य एवं पोषण पर महिलाओं को परामर्श दिया जाता है. इसलिए इस दिन आसानी से जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण किया जा सकता है. साथ ही मृत्यु पंजीकरण की सहायता से मौत की समीक्षा कर जरूरी उपाय किये जा सकते हैं.
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