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अब रंगाई-पुताई पर जोर
लोग पुरानी दीवारों पर भी दे रहे नये जमाने का रंग, ताकि घर दिखे हमेशा जवां-जवां भभुआ सदर : शहर में दुर्गापूजा के बाद दीपावली का उमंग पूरी तरह से उल्लास व उत्साह के रंग में रंगने को तैयार है. ऐसे में भला घरों की साफ-सफाई से लेकर रंगरोगन को लेकर तैयारियां क्यों न हो. […]
लोग पुरानी दीवारों पर भी दे रहे नये जमाने का रंग, ताकि घर दिखे हमेशा जवां-जवां
भभुआ सदर : शहर में दुर्गापूजा के बाद दीपावली का उमंग पूरी तरह से उल्लास व उत्साह के रंग में रंगने को तैयार है. ऐसे में भला घरों की साफ-सफाई से लेकर रंगरोगन को लेकर तैयारियां क्यों न हो. लोगों की इच्छानुसार घरों की रंगाई-पुताई के लिए बाजार में तरह-तरह के पेंट मुहैया हो गये हैं.
कलर ऐसा कि पुरानी दीवारों पर भी नये जमाने का रंग चढ़ने से घर दिखे जवां-जवां, यह ही लोगों की पसंद भी है. यह अलग बात है कि अब चूना व सूखे डिस्टेंपर का जमाना चला गया और लिक्विड डिस्टेंपर से लेकर प्लास्टिक, गोल्डन सहित हरे व सुगापंखी की बाजार में बहार आ गयी है. लेकिन, बारिश की गड़बड़ स्थित और ग्रामीण बाजार होने के चलते इस दीपावली शहर के पेंटर बाजार में दम नहीं दिख रहा है. हालांकि, डिमांड अधिक नहीं रहने के बावजूद ब्रांडेड कंपनियों के पेंट बाजार में छाये हुए हैं. पर, लोकल पेंट की भी डिमांड कम नहीं है.
बाजार से जुड़े सूत्रों के अनुसार पेंट का बाजार का सबसे ज्यादा उछाल दीवाली के त्योहार पर मारता है. हालांकि, शादी विवाह व अन्य त्योहारों में भी पेंट की बिक्री होती है. लेकिन, सबसे ज्यादा बिक्री दीपावली के मौसम में होती है. इस समय शहर में दीपोत्सव का मौसम चल रहा है, लिहाजा पेंट बाजार पहले के मुकाबले ज्यादा गुलजार हो रहा है.
इधर, पश्चिम बाजार में पेंट व्यवसायी सुरेश गुप्ता ने बताया कि संडीला में गुलाबी और क्रील कलर के रंगों की डिमांड बढ़ी है. अपना शहर ग्रीन सिटी होने की वजह से हरा व सुगापंखी कलर का डिमांड तो है ही, पिछले 20 वर्षों में पेंट का बाजार का कारोबार दो लाख से 10 लाख रुपये पर पहुंच गया है.
प्लास्टिक पेंट की बढ़ी डिमांड : अब बाजार में टिकाऊ व आकर्षक पेंट पसंद किया जा रहा है, जिससे सेमोसेम, चूना, सूखा डिस्टेंपर आदि न के बराबर हो गये और पेंट का कारोबार बढ़ निकला है. आधुनिकता के दौर में पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष गोल्डन व हरे पेंट की डिमांड ज्यादा है.
गोल्डन पेंट के साथ लाइट केशरिया कलर भी पसंद किया जा रहा है. यह दोनों रंग के पेंट वाटर और थिनर वेस दोनों ही बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. इसके साथ ही प्लास्टिक पेंट भी पसंद किया जा रहा है. प्लास्टिक पेंट में सेमोसेम की जरूरत नहीं पड़ती और पुट्टी के बाद प्राइमर करके प्लास्टिक पेंट कर दिया जाता है. प्लास्टिक पेंट धूप और बरसात दोनों में ही सुरक्षित रहता है.
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