जहानाबाद. नगर परिषद क्षेत्र जहानाबाद में जगह-जगह नाली और गली की समस्या निर्माण के इंतजार में मुंह बाये खड़ी है. नाली और गली का निर्माण नहीं होने के कारण शहर के बहुत सारे मोहल्ले में जल जमाव और नाली के पानी के ओवरफ्लो की समस्या से लोग परेशान हैं. वहीं जहां नाली और गली का निर्माण कार्य होने के बाद वह साल भर में ही फिर से टूटने लगे तो उसे क्या कहा जाएगा. वर्षों से विकास कार्य लंबित होने के बाद जिस जगह निर्माण होता है और वह निर्माण फिर से टूट कर बिखरने लगता है उसका दर्द वही लोग जानते हैं जो उसे भोगे होते हैं. ऐसा ही हाल है शहर के वार्ड संख्या 16 का जहां पुरानी अस्पताल रोड में पिछले साल ही टूटी नालियों की मरम्मत और उसे पर ढक्कन का निर्माण कराया गया था किंतु निर्माण इतनी घटिया थी कि वह एक साल के बाद ही फिर से टूट कर ढहने लगा है. पुरानी अस्पताल के लोग वर्षों से नाली निर्माण नहीं होने के कारण जल निकासी की समस्या से परेशान थे. वर्षों के इंतजार और भाग-दौड़ तथा नगर परिषद से गुहार लगाने के बाद नाली का निर्माण कराया गया था और उसे पर ढक्कन लगाए गए थे. ढक्कन की ढलाई इतनी घटिया क्वालिटी में की गई कि वह साल भर में ही जगह-जगह से टूट कर गिरने लगा है. कई जगहों पर नाली के ऊपर की ढलाई टूट कर नाली में ही गिर चुकी है जिसमें कचरा भरा है. मुहल्ले के रोशन कुमार का कहना है कि लंबे समय से नाली का निर्माण नहीं होने से मुहल्ले के लोग जल निकासी की समस्या से जूझ रहे थे. एक साल पहले नाली का निर्माण कराया गया था जिस पर ढक्कन की ढलाई की गई थी. ढक्कन की ढलाई पतला होने के कारण साल भर में ही वह जगह-जगह से टूट कर गिर रहा है. हालांकि नाली पर ना तो कोई भारी वाहन चलाते हैं और न ही कोई भारी गाड़ी. केवल पैदल आदमियों के आने जाने से ही साल भर में नाली के ऊपर का ढक्कन जगह-जगह से टूट रहा है. टूटे ढक्कन को देखने से यह पता चलता है की ढलाई कहीं 3 इंच तो कहीं दो से ढाई इंच ही की गई है. जबकि नाली और गली की ढलाई कम से कम 6 इंच रहता है. मोहल्ले के लोगों का कहना है कि टूटे ढक्कन के कारण आते जाते कई लोगों का पैर उसमें चला जाता है जिसके कारण कई लोग टूटी नाली के ढक्कन में गिर कर चोटिल हो चुके हैं. वैसे तो पूरे शहर में नाली के ढक्कन का यही हाल है पटना गया राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर शहर में सड़क किनारे बनाई गई नाली के ऊपर ढक्कन की ढलाई के बीच-बीच में लोहे की जाली लगाई गई थी जिसे नाली की सफाई हो सके उसमें से अधिकांश जाली टूट कर बिखर चुकी है. उसे आसपास के दुकानदार कहीं लकड़ी तो कहीं बांस की पट्टी से और कहीं स्लैब लगाकर ढके हुए हैं ताकि उनके यहां आने वाले ग्राहक हो कोई चोट न पहुंचे. शहरी क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बने नाली के ढक्कन तो कई वर्ष बाद टूटे किंतु शहर के वार्ड नंबर 16 में पुरानी अस्पताल रोड में बनायी गयी नाली के ऊपर का ढक्कन एक साल में ही टूटने लगा है.
क्या कहते हैं मुख्य पार्षद
निर्माण एजेंसी द्वारा कराए गए कार्य के रख-रखाव की जिम्मेदारी काम कराने वाली एजेंसी पर है. जबकि विभागीय कार्य की जिम्मेदारी कनीय अभियंता पर होती है. इस मामले में कनीय अभियंता से सवाल-जवाब किया जायेगा.
रूपा देवी, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, जहानाबादडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

