28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

भगवान शंकर व श्रीकृष्ण के पौराणिक युद्ध का स्थल है वाणावर

संपूर्ण भारत में प्रेम की इतिहास के नाम से कई ऐतिहासिक धरोहर का नाम आप जानते होंगे लेकिन प्रेम में भगवान भोलेनाथ और भगवान श्रीकृष्ण की युद्ध की बात जब भी आती है, तो जिले के ऐतिहासिक वाणावर पहाड़ के नाम जरूर आता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

मखदुमपुर . संपूर्ण भारत में प्रेम की इतिहास के नाम से कई ऐतिहासिक धरोहर का नाम आप जानते होंगे लेकिन प्रेम में भगवान भोलेनाथ और भगवान श्रीकृष्ण की युद्ध की बात जब भी आती है, तो जिले के ऐतिहासिक वाणावर पहाड़ के नाम जरूर आता है. धार्मिक ग्रंथ गीता महाभारत विष्णु पुराण और शिव पुराण में प्रसिद्ध कथाओं में वाणावर का इतिहास रहा है.

अपने शिष्य बाणासुर को पराजित होता देख युद्ध में उतर गये थे भोलेनाथ

कहा जाता है कि द्वापर युग में वाणावर में सोनितपुर अवशेष नाम (सोनपुर) का राजा महान शिव भक्त बाणासुर हुआ करता था, जो वाणावर पहाड़ स्थित बाबा सिद्धनाथ का महान भक्त था, जो भोलेनाथ से किसी भी युद्ध में असफल होने पर साथ देने का वरदान लिया था. वहीं बाणासुर की एक पुत्री उषा थी, वह भी भोलेनाथ की परम शिष्या थी. जो एक दिन पहाड़ी इलाका के हथियाबोर इलाके में भगवान भोलेनाथ और पार्वती को जलकीड़ा करते देख लिया तो भोलेनाथ से मनवांछित फल का आशीर्वाद दिया. इस आशीर्वाद के बाद उषा सपने देखना शुरू कर दी, एक दिन उसे सपने में एक राजकुमार आया, जो अपने सहेली चित्रलेखा से बतायी. चित्रलेखा बाणासुर के मंत्री रहे कुंभमंडा की बेटी थी, उषा के सपने में आया राजकुमार के बारे में मन की बात सहेली से बताई. जिस पर चित्रलेखा ने अपने योग साधना से कई चित्र बनाती है. चित्रलेखा ने देश के कई महर्षि, विद्वान मनुष्य की चित्र बनाया, लेकिन वह राजकुमार नहीं था. जब उसने अनिरुद्ध का चित्र बनाया, तब उषा ने राजकुमार अनिरुद्ध देखकर पहचान लेती है और खुशी पूर्वक अनिरुद्ध को लाने की बात कही. सहेली की बात पर चित्रलेखा ने अपने साधना से द्वारिका पुरी से अनिरुद्ध को पलंग सहित उठा लिया और वाणावर ले आया. इसके बाद उषा और अनिरुद्ध का प्रेम हो गया. वहीं राजकुमार को देख सिपाहियों के द्वारा राजा वाणासुर को सूचना दिया गया. खबर मिलते बाणासुर गुस्सा से लाल हो गया और अनिरुद्ध से वाणावर पहाड़ी इलाका में युद्ध करने लगा. इसमें बाणासुर के द्वारा अनिरुद्ध को कब्जे में ले लिया, जिसकी सूचना भगवान श्रीकृष्ण को मिला. भगवान श्रीकृष्ण आक्रमण कर बाणासुर से युद्ध करने लगे. युद्ध में बाणासुर को पराजित होता देख भगवान भोलेनाथ युद्ध में कूद पड़े, तभी सभी देवी-देवताओं ने भगवान श्री कृष्णा और भगवान भोलेनाथ की बात की और बाणासुर का युद्ध समाप्त कराया एवं भोलेनाथ ने अनिरुद्ध की विवाह उषा से कराया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel