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घोसी. शुक्रवार की सुबह ढोंगरा गांव में अवस्थित डायट में प्रशिक्षण में आये सभी प्रशिक्षु शिक्षकों ने प्राचार्य डॉ मोईनुद्दीन खान, उप- प्राचार्य मुन्ना कुमार के निर्देशन में तथा व्याख्याता डॉ निर्मल कुमार की अध्यक्षता में स्कूल चलो जागरूकता रैली निकाली. यह रैली ढ़ोंगरा डायट से शुरू होकर पूरे ढोंगरा गांव में भ्रमण करते हुए वापस डायट पहुंचकर समाप्त हुई. शिक्षा के लिए एक मुहिम के रूप में इस जागरूकता रैली की समस्त रूपरेखा डॉ निर्मल कुमार ने स्वयं तैयार की. डॉ निर्मल कुमार की अध्यक्षता वाली इस रैली में डॉ प्रशांत भास्कर, डॉ राकेश कुमार, डॉ राजीव नयन एवं डॉ अमरनाथ कुमार ने जागरूकता रैली में बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया तथा रैली को सफल बनाने में पूरा सहयोग किया. शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं के समूह का क्रमशः मिंटू कुमार एवं स्वीटी कुमारी प्रतिनिधित्व कर रहे थे. प्राचार्य, उप- प्राचार्य, सभी व्याख्याता एवं प्रशिक्षु- शिक्षकों सहित डायट के सभी कर्मियों ने घर- घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया कि वे अपने उन सभी बच्चों को जो स्कूल जाने की उम्र के हो चुके हैं, वैसे बच्चे को विद्यालय अवश्य भेजें एवं जिन बच्चों का विद्यालय में नामांकन है किंतु वे विद्यालय नहीं जाते हैं, उनकी भी उपस्थित विद्यालय में शत- प्रतिशत सुनिश्चित करें. रैली में सभी प्रशिक्षु- शिक्षकों ने पूर्व से तैयार तख्तियां और पोस्टर प्रस्तुत किया. साथ ही उन्होंने सभी बच्चों के स्कूल जाने, शिक्षा के समान अधिकार और शिक्षा के महत्व पर एक से बढ़कर एक नारे भी लगाये. पोस्टर बैनर आदि तैयार करवाने में प्रियंका कुमारी ने मुख्य भूमिका निभायी. डायट प्रबंधन की तरफ से पांच प्रशिक्षु- शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया गया. बातचीत के क्रम में रैली की अध्यक्षता कर रहे कुमार ने नई शिक्षा नीति 2020 का हवाला देते हुए बताया कि राज्य भर के सभी प्रशिक्षण महाविद्यालयों में सरकारी विद्यालय के शिक्षकों का अनवरत प्रशिक्षण संचालित है जिसका मूल उद्देश्य है कि सभी शिक्षकों को शिक्षा के विभिन्न कौशलों में निपुण कर, नई शिक्षण पद्धति से अवगत कर तथा नवाचार से उन्हें अद्यतन कर इन सभी सीखे गये कौशलों को विद्यालय तक पहुंचाया जाये. अर्थात शिक्षक- प्रशिक्षण से मिली सीख का व्यापक अनुप्रयोग शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद अपने- अपने विद्यालयों में आवश्यक रूप से करना है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो कहीं न कहीं विद्यालय एक प्रयोगशाला के रूप में ऊभर कर हमारे सामने आते हैं. ऐसे में हम सभी शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि जिस प्रक्रिया का अंतिम चरण या लक्ष्य विद्यालय और विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे हैं, उनके लिए ठोस प्रयास किया जाये, किंतु अवलोकन से पता चलता है कि बहुत से बच्चे जो विद्यालय जाने की उम्र के हो गये हैं, उनका विद्यालय में नामांकन ही नहीं है और यदि नामांकन है भी तो वे किन्हीं कारणों से विद्यालय नहीं आते हैं अथवा नहीं आ पाते हैं. इसी क्रम में हमारी तरफ से पहल करते हुए यह जागरूकता रैली निकाली गयी है कि हम घर- घर जाकर अभिभावकों को जागृत करें कि वे परिवार के प्रत्येक उस बच्चे को जो विद्यालय जाने की उम्र का हो गया है, विद्यालय अवश्य भेजें. जिन बच्चों का नामांकन नहीं हुआ है, उनका नामांकन अनिवार्य रूप से नजदीकी विद्यालय में करा दें. उप- प्राचार्य मुन्ना कुमार ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा बालक एवं बालिका दोनों का समान अधिकार है तथा अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे सभी बच्चों को स्कूल अवश्य भेजें, तभी हमारे मूल उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति हो सकती है. सभी प्रखंड वासी डायट प्रशासन की इस पहल तथा निर्मल कुमार की अध्यक्षता वाली रैली के मूल उद्देश्यों की सराहना कर रहे हैं. इस अवसर पर उमाकांत, आनंद सागर तिवारी, रंगनाथ तिवारी, सत्यम, देवकांत, रोहित, इम्तियाज, नीरज, राजेश कुमार तथा नौलेश आदि उपस्थित रहे.
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