जहानाबाद नगर. शहरी क्षेत्र में बड़े वाहनों का बोझ कम होने के बाद भी ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए प्रशासन द्वारा नये ट्रैफिक नियम बनाये गये थे ताकि चौक-चौराहों पर जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हो. विशेष कर शहर में चलने वाला ऑटो के ठहराव के लिए जगह चिह्नित करते हुए बैरिकेडिंग कराया गया था, ताकि ऑटो सड़क पर खड़ा न होकर चिह्नित जगह पर ही खड़ा हो, जिससे कि जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हो सके. शुरूआत में एक-दो दिन ऑटो चालकों द्वारा इस नये नियम का पालन तो किया गया लेकिन दो दिन बाद ही नये नियमों को धत्ता बताते हुए ऑटो चालक फिर से पुराने ढर्रे पर अपनी गाड़ियां सड़क पर ही खड़ा करने लगे हैं, जिसके कारण जाम की समस्या तो उत्पन्न हो ही रहा है, पैदल यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए वत्तीस भंवरिया, अस्पताल मोड़, अरवल मोड़, काको मोड़ पर ऑटो के ठहराव के लिए जगह चिह्नित कर बैरिकेडिंग किया गया था, ताकि वहां ऑटो खड़ी कर पैसेंजर को गाड़ी में बैठाया-उतारा जा सके. हालांकि ऑटो चालकों द्वारा इस व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है. पहले की तरह फिर से सड़क पर ही गाड़ियां लगाकर पैसेंजर को चढ़ाया-उतारा जा रहा है जिससे परेशानी हो रही है.
उत्पन्न हो रही जाम की समस्या : ऑटो चालकों द्वारा सड़क पर ही ऑटो लगाकर पैसेंजर को चढ़ाने-उतारने से एक तो जाम की समस्या उत्पन्न हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है. आये दिन सड़क पर ऑटो खड़ा रहने से दुर्घटना हो रहा है, जिसका शिकार मुख्य रूप से बाइक सवार हो रहे हैं. प्रशासन द्वारा किये गये नये व्यवस्था को भी धत्ता बताते हुए ऑटो चालक अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं, जिससे शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
फाइल वसूली में में व्यस्त रहते हैं ट्रैफिक के जवान : शहरी क्षेत्र के विभिन्न चौक-चौराहों पर ट्रैफिक के जवान तो तैनात रहते हैं, लेकिन वे हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के बजाय फाइन वसूली में व्यस्त दिखते हैं. यही कारण है कि ऑटो चालकों की मनमानी पर लगाम नहीं लग रहा है और वे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए देखे जा रहे हैं. शहरी क्षेत्र में काफी कम संख्या में बड़े वाहनों का आवागमन होता है. गिने-चुने बड़े वाहन ही शहरी क्षेत्र में आते हैं जिन्हें माल लोड-अनलोड करना होता है. इसके बाद भी ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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