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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कार्यशाला का आयोजन

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कार्यशाला का आयोजन जीएनएम एएनएम पारा मेडिकल स्कूल में आयोजित किया गया.

अरवल. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कार्यशाला का आयोजन जीएनएम एएनएम पारा मेडिकल स्कूल में आयोजित किया गया. जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ राय कमलेश्वर नाथ सहाय ने किया. इस अवसर पर गैर संचारी रोग विशेषज्ञ डॉ अरबिंद कुमार एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ पंकज कुमार ने विचार रखे. तथा उपस्थित छात्राओं को कहा कि जब भी कोई अवसाद में आये तब अपने परिवार इष्ट मित्र से बात को शेयर करें. किसी भी व्यक्ति के जेहन में आत्महत्या करने का बात पंद्रह सेकेंड के लिए ही आता है. जीवन अनमोल है इसे खोये नहीं. विद्यार्थियों को बताया कि व्यक्ति एक क्षण में आत्महत्या का निर्णय नहीं लेता है. यह लम्बी प्रक्रिया है. व्यक्ति के अवसाद या तनाव में आने के बाद वह लगातार उदास रहता है, छोटी-छोटी बात पर घबरा जाता है, उसकी पसंद की चीजों में भी रुचि खत्म हो जाती है. इसके साथ ही उसके मन में नकारात्मक भाव आने लगते हैं. जब ये भाव गहराते हैं तो वह आत्महत्या करने का सोचने लगता है. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर नकारात्मक भाव खत्म नहीं हो सकते. परिजनों, मित्रों का साथ होने पर ये भाव मिट सकते हैं. भूख व नींद कम होना, चिडचिड़ापन आना, गुमशुम रहना, घबराना, पसंद की चीजों में अरुचि होना, पढ़ाई व रोजगार के बारे में ज्यादा सोचना, माता-पिता की बच्चों से अधिक आकांक्षा रखने पर बच्चें का तनाव में रहना आदि कारण नकारात्मकता लाते हैं. नकारात्मकता के लक्षण दिखने पर परिजनों व मित्रों को सतर्क होना चाहिए. अवसाद वाले व्यक्ति की मनोस्थति समझकर व्यवहार करना चाहिए. उससे लगातार संवाद बनाए रखना चाहिए. गैर संचारी रोग विशेषज्ञ ने कहा कि इस वर्ष यह दिवस इस वर्ष की थीम, दृष्टिकोण बदलना आत्महत्या से जुड़े हानिकारक मिथकों को चुनौती देती है, सहानुभूतिपूर्ण संवाद को बढ़ावा देती है और सार्वजनिक नीति में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने पर जोर देती है. भारत में छात्रों के बीच आत्महत्या के बढ़ते मामले पर विशेष जोर देते हुए भारत सरकार के द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर बच्चों और किशोरों के साथ-साथ युवा वयस्कों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए शैक्षणिक संस्थानों में लेट्स टोकिंग अभियान आयोजित करने के लिए निर्देशित किया है. जिसके लिए कार्यशाला आयोजित किया गया. इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक सलीम जावेद, मनोवैज्ञानिक गीतांजलि एवं अन्य कॉलेज की शिक्षिकाएं, थर्ड एवं फोर्थ की छात्राओं ने भाग लिया.

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