अरवल. शहरों की तरह गांव में भी डोर टू डोर कचरा उठाव होता है. लेकिन एक सितंबर से गावों में कचरा का उठाव नहीं हो रहा है. गावों में कचरा लोग बाहर में फेंक रहे हैं. जिला की 64 पंचायत के 852 वार्डों में कचरे का उठाव बाधित है. कारण सफाई कर्मी अपनी मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. जिसके कारण गावों में कचरा का उठाव नहीं हो रहा है. बीते एक साल से अधिक समय से जिले के सभी पंचायतों में कूड़े-कचरे का निस्तारण करने की योजना पर काम किया जा रहा है. गावों से कचरा का उठाव नहीं हो रहा है. सभी वार्डों में कचरा का उठाव के लिए बहाल किये गये कर्मियों का वेतन पिछले चार महीना से नहीं मिल रहा है. जिसके कारण कचरा का उठाव होना बंद हो गया. बड़े ताम झाम के साथ सभी वार्डो में दो-दो कचरा का उठाव करने के लिए स्वछता ग्राही को रखा गया था. बाद में सरकार का गाइड लाइन बदल कर एक वार्ड में एक ही स्वछता ग्राही को रखा गया. जिसके मोनेटरिंग के लिए एक पंचायत में स्वच्छता सुपरवाइजर को रखा गया है. लेकिन कई वार्ड में एक सितंबर से कचरा का उठाव हुआ ही नहीं. सफाई कर्मी और सूयरवाइजर दोनों हड़ताल पर है. मालूम हो कि शहरों की तर्ज पर गांवों में घर घर से कचरा उठाव हो रहा. लोहिया स्वच्छता योजना फेज दो के तहत घर घर से कचरा उठाव के लिए सभी घरो में हरा और नीला बाल्टी दिया गया है. जिसमें गिला और सूखा कचरा रखा जायेगा. लेकिन घरों से कचरा के उठाव नहीं होने के कारण बाल्टी देने का कोई मतलब नहीं लोगों को समझ में आ रहा है. सात निश्चयन पार्ट-दो के निश्चय स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव के तहत लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान व स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-दो के अन्तर्गत जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से प्रत्यक्ष स्वच्छता की प्राप्ति के लिए ओडीएफ-एस के साथ-साथ ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कार्य किया जाना था.
स्वच्छाग्रहियों को दिया गया है रिक्शा और दस्ताना : कचरे को ढोकर यूनिट तक ले जाने को हुई रिक्शा की खरीद जानकारी के अनुसार कचरा का उठाव कर अवशिष्ठ प्रसंस्करण इकाई तक पहुंचाने के लिए हरेक वार्ड-गांव में पैडल रिक्शा का खरीद किया गया. कचरे का उठाव नहीं होने के कारण कई उपकरण जगह जंग खा रहे हैं.
आठ सूत्री मांग को लेकर हड़ताल पर है सफाई कर्मी : जिला अंतर्गत विभिन्न पंचायत के स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं कर्मी संघ के आह्वान पर आठ सुत्री मांग को लेकर स्वच्छता पर्यवेक्षकों और स्वच्छता कर्मियों को हड़ताल जारी रही. संघ के स्वच्छता पर्यवेक्षक राकेश कुमार ने बताया कि सरकार से हम सबों की आठ सुत्री मांग है. जिसमें प्रमुख मांग स्वच्छता पर्यवेक्षकों को अंशकालिक से हटाकर पूर्णकालिक किया जाये. स्वच्छता पर्यवेक्षक को 60 वर्षों तक का सेवाकाल करते हुए स्थायीकरण एवं वेतन वृद्धि के साथ बकाया वेतन भुगतान किया जाये. जब तक सरकार मांग को नहीं मानती तब तक हड़ताल जारी रहेगा.
सभी सफाई कर्मी और सुपरवाइजर हड़ताल पर हैं जिसके कारण कचरा का उठाव नहीं हो रहा है.
नीलेश सिंह, जिला स्वच्छता समन्वयकडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

