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Jehanabad : मछलीपालकों को मिलेगी 80% सब्सिडी पर बोरिंग और सोलर पंपसेट की सुविधा

बिहार सरकार मछलीपालकों के लिए बड़ी योजना चला रही है. मछलीपालकों को अगर पानी की समस्या आ रही है तो वे सब्सिडी पर अपने तालाब पर बोरिंग, सोलर सबमर्सिबल पंपसेट लगा सकते हैं और पानी की कमी को दूर कर सकते हैं.

अरवल

. बिहार सरकार मछलीपालकों के लिए बड़ी योजना चला रही है. मछलीपालकों को अगर पानी की समस्या आ रही है तो वे सब्सिडी पर अपने तालाब पर बोरिंग, सोलर सबमर्सिबल पंपसेट लगा सकते हैं और पानी की कमी को दूर कर सकते हैं. इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला मत्स्य पदाधिकारी कर्मवीर कुमार द्विवेदी ने बताया कि मछली पालन में पानी की कमी बड़ी समस्या होती है, खासकर गर्मी के दिनों में. गर्मी में पानी सूख जाने पर किसान पंपसेट से पानी चलाते हैं और तालाब को भरते हैं. अगर ऐसा नहीं करें तो मछलियां मर जायेंगी. पंप सेट चलाने औऱ पानी भरने के काम में किसानों की बड़ी राशि खर्च हो जाती है. लागत बढ़ने से किसानों का यह काम कम लाभदायक सिद्ध होता है. लेकिन ऐसे किसानों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि बिहार सरकार बोरिंग, सोलर सबमर्सिबल पंपसेट योजना के तहत पंपसेट लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है.

जलकृषि सौर्यकरण के तहत बोरिंग सह सोलर सबमर्सिबल लगा सकते हैं किसान : वित्तीय वर्ष 2025-2026 में जलकृषि सौर्यकरण के तहत बोरिंग सह सोलर सबमर्सिबल पंपसेट अधिष्ठापन की योजना के तहत आवेदन मछली पालक लाभ उठा सकते हैं. इस योजना का उद्देश्य मछली पालन के स्त्रोत जैसे तालाब या पोखर, बायोफ्लॉक या आरएएस आदि में मछली पालन के लिए सालों भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. इस स्कीम की विशेषता की बात करें तो इसके तहत अरवल जिला में 8 बोरिंग सह सोलर सबमर्सिबल पंपसेट को लगाया जायेगा. वहीं इस योजना के अंतर्गत अंतिम रूप से निर्धारित इकाई लागत का 80 प्रतिशत सब्सिडी देने की योजना है जो सभी वर्गों के लिए होगी. बाकी राशि लाभार्थी खुद के खर्च पर या बैंक लोन से ले सकता है.

ऐसे मिलेगा लाभ

इस पंपसेट योजना का लाभ लेने के लिए एक व्यक्ति या परिवार को कम से कम 0.25 एकड़ जलक्षेत्र से 2.5 एकड़ जलक्षेत्र तक के तालाब पर अधिकतम एक बोरिंग और एक सोलर सबमर्सिल पंपसेट लगाना होगा. यानी एक व्यक्ति एक ही पंपसेट लगाने के लिए योजना का लाभ ले सकता है. इस योजना में बोरिंग-सह-सोलर-सबमर्सिबल पंपसेट, पाइप आदि की खरीद लाभार्थियों के द्वारा योजना के तहत सूचीबद्ध आपूर्तिकर्ता से खुद ही की जाएगी. योजना के तहत लाभार्थियों का चयन सरकार की ओर से बनाई गई चयन समिति के द्वारा किया जाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के पास कम से कम 0.25 एकड़ जलक्षेत्र का तालाब होना अनिवार्य होगा. सब्सिडी के लिए अप्लाई करते वक्त अपने प्रस्तावित तालाब का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ आवेदन पत्र के साथ लगाना जरूरी होगा. आवेदक के द्वारा अपना मोबाईल नंबर और बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड दिया जाएगा. साथ ही, अपना आधार कार्ड नंबर या राशन कार्ड नंबर या मतदाता पहचान पत्र या मछली पालन तकनीक से जुड़ा कोई प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र आवेदन के साथ अटैच करना होगा.

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