सदर अस्प्ताल .बेहाल मरीजों को रेफर करना मजबूरी
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उद्घाटन के बाद से ही बंद है आइसीयू
सदर अस्प्ताल .बेहाल मरीजों को रेफर करना मजबूरी सदर अस्पताल में संचालित आइसीयू का उद्घाटन सीएम के हाथों वर्ष 2009 में जब हुआ था तो लोगों के बीच उम्मीद जगी थी कि अब गंभीर बीमारी की हालत में भी गहन चिकित्सा की व्यवस्था उपलब्ध हो गयी है. पटना रेफर होने की मजबूरी से अब मिलेगा […]
सदर अस्पताल में संचालित आइसीयू का उद्घाटन सीएम के हाथों वर्ष 2009 में जब हुआ था तो लोगों के बीच उम्मीद जगी थी कि अब गंभीर बीमारी की हालत में भी गहन चिकित्सा की व्यवस्था उपलब्ध हो गयी है. पटना रेफर होने की मजबूरी से अब मिलेगा छुटकारा.
जहानाबाद नगर : आइसीयू यानी गहन चिकित्सा केंद्र… मानों खुद ही किसी अस्पताल का वह विभाग होता है, जहां गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज किया जाता है. वैसे मरीज जिसे बचाना मुश्किल लगता है वैसे मरीजों को गहन चिकित्सा केंद्र में भेजा जाता है. जब मरीज बहुत ही गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है तब उसे गहन चिकित्सा केंद्र में मौजूद उपकरणों की जरूरत पड़ती है. लेकिन जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना गहन चिकित्सा केंद्र का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.
विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा टेक्निशियन के अभाव में गहन चिकित्सा केंद्र में ताला लटका है. 24 फरवरी, 2009 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदर अस्पताल में बने आइसीयू भवन का उद्घाटन किया गया था. लेकिन अब तक इस यूनिट का लाभ एक भी मरीज को नहीं मिल पाया.
मरीजों को गहन चिकित्सा प्रदान करनेवाला गहन चिकित्सा विभाग खुद बीमार है. विशेषज्ञ चिकित्सों के अभाव में इस विभाग में ताला लटक रहा है, वहीं गंभीर मरीज के साथ ही सामान्य मरीजों को भी पटना रेफर किया जा रहा है. करोड़ों की लागत से बने गहन चिकित्सा केंद्र में वेंटिलेटर, कॉर्डियोमॉनीटर, मॉनीटर के साथ ही लाखों रुपये मूल्य के उपकरण लगाये गये थे लेकिन इन उपकरणों का उपयोग नहीं हो पाया. प्रशासन द्वारा आइएपी योजना के तहत गहन चिकित्सा केंद्र में कई एसी भी लगाये गये लेकिन सब बेकार पड़े हैं. विशेषज्ञ चिकित्सक तथा टेक्निशियन के अभाव में केंद्र में ताला लटका है, वहीं उपकरणों को जंग खा रहा है. गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सुविधा देने के लिए बनाया गया यह केंद्र सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.
क्या कहते है उपाधीक्षक
विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी तथा टेक्निशियन के अभाव के कारण आइसीयू चालू नहीं कराया जा रहा है. आइसीयू की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिदिन तीन विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ ही आधे दर्जन ए ग्रेड नर्स तथा टेक्निशियन तथा चतुर्थवर्गीय स्टाफ की जरूरत होगी. लेकिन अस्पताल में इनका अभाव है. हालांकि आइसीयू की सुविधा मरीजों को मिले इसके लिए गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है. शीघ्र ही मरीजो की इसकी सुविधा मिलने लगेगा.
डॉ वीके झा
गहन चिकित्सा केन्द्र के निर्माण के बाद सदर अस्पताल में पदास्थापित कई चिकित्सकों को आइसीयू का प्रशिक्षण दिया गया. इसके लिए चिकित्सकों को पटना तथा कोलकाता में कई-कई दिनों तक प्रशिक्षित किया गया. वहीं नर्सिंग स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया गया. लेकिन बावजूद इसके अब तक गहन चिकित्सा केंद्र चालू नहीं हो सका.
सदर अस्पताल में कभी चिकित्सकों की कमी तो कभी नर्सिंग स्टाफ की कमी के कारण यह यूनिट अब तक मरीजों की सेवा प्रदान करने में विफल साबित हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ गंभीर रूप से बीमार तथा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों को सीधे पटना रेफर किया जा रहा है. जिले में आइसीयू की सुविधा होने के बावजूद मरीज पटना रेफर किये जा रहे है, क्योंकि आइसीयू की सुविधा मरीजों को नहीं मिल रहा है.
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