नगर पर्षद कार्यालय में दो साल से लंबित पड़ी है 95 लाख की योजना
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जमीन के अभाव में नहीं बन रहा सम्राट अशोक भवन
नगर पर्षद कार्यालय में दो साल से लंबित पड़ी है 95 लाख की योजना नागरिक सुविधा के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में बनना है भव्य भवन जहानाबाद : नगर पर्षद की एक महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटकी हुई है. नागरिक सुविधा के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में सम्राट अशोक भवन का निर्माण कराना है. वित्तीय वर्ष 2014-15 […]
नागरिक सुविधा के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में बनना है भव्य भवन
जहानाबाद : नगर पर्षद की एक महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटकी हुई है. नागरिक सुविधा के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में सम्राट अशोक भवन का निर्माण कराना है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में ही राज्य के 50 नगर निकायों में उक्त भवन का निर्माण कराने की मंजूरी मिली थी जिसमें जहानाबाद भी शामिल है. नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा भवन बनाने के लिए तकरीबन 95 लाख रुपये की लागत पर पर्षद कार्यालय में स्टीमेंट बनाकर उसकी तकनीकी स्वीकृति भी दी गयी थी. फरवरी 1995 में इसके लिए 10 लाख रुपये का आवंटन भी जहानाबाद नगर पर्षद कार्यालय को उपलब्ध कराया गया था, लेकिन भवन के निर्माण में जमीन आड़े आ रही है.
उपयुक्त जमीन के अभाव में स्थल का चयन अब तक नहीं हुआ है. वैसे तो नगर पर्षद की एकमुश्त निजी जमीन शहर से थोड़ी दूर अलगना के समीप है, लेकिन नागरिकों को सम्राट अशोक भवन की सुविधा का लाभ देने के उद्देश्य से उक्त जमीन को उपयुक्त नहीं माना जा रहा है. कुछ माह पूर्व नगर पर्षद का कार्यालय बनाने के लिए अलगना स्थित जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जिसका विरोध हुआ था. कारण बताया गया कि शहरवासियों को नगर पर्षद के काम से कार्यालय जाने में काफी परेशानी होगी.
दूरी तय करनी होगी. उसके निर्माण के नाम पर लाखों रुपये व्यय भी हो गये और अंतत: कार्यालय निर्माण का स्थल परिवर्तन कर ट्रेजरी कार्यालय के पास जीन दी गयी जहां शिलान्यास भी हुआ. चूंकि सम्राट अशोक भवन बन जाने से इसका लाभ शहरवासियों को भी मिलेगा. इसलिए बीच शहर में ही भवन निर्माण के लिए जमीन की तलाश की जा रही है. विडंबना यह है कि दो साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अब तक स्थल का चयन नहीं हो सका है जो चिंता का विषय है.
शहरवासियों को कम कीमत पर उपलब्ध कराया जायेंगे भवन के कमरे
बताया गया है कि सम्राट अशोक भवन वैसे तो एक तरह से नगर पर्षद का निजी परिसदन के रूप में होगा जहां प्रशासनिक महकमे के लोग उसका उपयोग कर सकेंगे. साथ ही संसाधनों से युक्त उक्त भवन का लाभ शहरवासियों को भी मिलेगा. किसी कार्यक्रम के लिए लोगों को कम कीमत की अदायगी कर भवन की सुविधा मुहैया करायी जायेगी.
जरूरतमंदों को इसके लिए कार्यक्रम से संबंधित कागजात संलग्न करने होंगे. भवन में कई कमरे के अलावा बड़ा हॉल बनेगा. बिजली, पानी और शौचालय की समुचित व्यवस्था रहेगी. रखरखाव के लिए केयर टेकर बहाल किये जायेंगे. चूंकि उक्त महत्वपूर्ण योजना लंबे समय से लंबित पड़ी है. इस कारण यह मामला 30 नवंबर को नगर पर्षद बोर्ड की होने वाली बैठक में भी उठेगा. आहूत बैठक के एजेंडे में इसे भी शामिल किया गया है.
डीएम से मांगा जायेगा मार्गदर्शन
स्थल का चयन नहीं होने से भवन निर्माण का मामला लटका हुआ है. गुरुवार को नगर बोर्ड की होने वाली बैठक में पार्षदों की सहमति से यदि स्थल का चयन हो जायेगा तो निर्धारित की गयी भूमि पर भवन का निर्माण शीघ्र शुरू करा दिया जायेगा. यदि ठोस निर्णय नहीं हुआ तो इसके लिए जिलाधिकारी से मार्गदर्शन लिया जायेगा. भवन निर्माण के लिए उनसे जमीन उपलब्ध कराने की मांग जायेगी.
संजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद
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