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गोधूिल बेला में पूजा कर पुत्र की दीर्घायु की कामना

जहानाबाद : पुत्र की लंबी आयु के लिए मनाया जाने वाला जीवित पुत्रिका व्रत बुधवार को माताओं ने रखा. जिउतिया पर्व पर माताओं ने 24 घंटे का उपवास रख शाम में विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ किया. महिलाएं कुश की आकृति बना जिमुतवाहन नामक राजा की पूजा की. पूजा-पाठ को लेकर महिलाएं पूर्व से ही तैयारी […]

जहानाबाद : पुत्र की लंबी आयु के लिए मनाया जाने वाला जीवित पुत्रिका व्रत बुधवार को माताओं ने रखा. जिउतिया पर्व पर माताओं ने 24 घंटे का उपवास रख शाम में विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ किया. महिलाएं कुश की आकृति बना जिमुतवाहन नामक राजा की पूजा की. पूजा-पाठ को लेकर महिलाएं पूर्व से ही तैयारी में लगी थी.

पूजा-पाठ में प्रयुक्त होने वाली विभिन्न तरह की समाग्री जुटाया जा रही थी. साथ ही मिट्टी एवं गोबर से सियारिन व चील की आकृति बना गोधूली बेला में पंडितों से जीवित पुत्रिका व्रत की कथा सुनी. महिलाएं भगवान का ध्यान कर संतान को स्वस्थ एवं दीर्घायु एवं सुखी रहने का कामना के साथ पूजा-पाठ के दौरान महिलाएं पंडितों को दान स्वरूप अन्न, रुपये एवं फल दान में दिया. पूजा-पाठ के बाद महिलाएं सुत से बने जिउतिया धारण की. पंडितों के अनुसार इस व्रत की शुरुआत जिमुतवाहन नामक राजा ने की थी.

पूजा करने से संतान की वृद्धि होती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है. बताया जाता है कि चील व सियारिन की कथा में चील ने इस व्रत को विधि-विधान से उपवास रखकर किया था. वहीं सियारिन बीच में ही व्रत तोड़ आहार का सेवन कर लिया था.

व्रत करने से चील के वंश में बढ़ोतरी हुई, जबकि व्रत तोड़ने वाले सियारिन के वंश में बढ़ोतरी नहीं हुई. व्रत उपवास के बाद सुबह में महिलाएं सरगही की तथा अन्न का सेवन किया. व्रतियों ने पूजा-पाठ के बाद सर्वप्रथम पुत्र को प्रसाद खिलाया.

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