जहानाबाद नगर : जिले के सदर अस्पताल में अगर आप इलाज कराने जाते हैं, तो पहले यह पता कर लीजिए कि चिकित्सक खुद इलाज करेंगे या किसी कंपाउंडर के भरोसे आपका इलाज होगा. रविवार की अहले सुबह कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया. शहर के दक्षिणी दौलतपुर के रहने वाले दिवाकर पांडेय अपने बेटे की हेड इंजूरी का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे .
अस्पताल में उनके बेटे का इलाज भी हुआ, लेकिन इलाज किसने किया, इसका पता तब चला जब परिजन को इलाज करने वाले शख्स पर शक होने लगा कि यह चिकित्सक है या नहीं. पूछताछ में पता चला कि चिकित्सक अपने कक्ष में खर्राटे भर रहे हैं जबकि उनका निजी कंपाउंडर चिकित्सक के नाम पर मरीज का इलाज कर रहा है. इसे लेकर परिजनों द्वारा हंगामा भी किया गया.परिजनों के हंगामे से चिकित्सक की नींद टूटी.
इसके बाद चिकित्सक सफाई देने में जुट गये .हालांकि चिकित्सक के निजी कंपाउंडर ने इलाज करने की अपनी गलती मानी. वहीं ड्यूटी पर तैनात डाॅ नंदा अपने बचाव में तरह -तरह की दलीलें देते देखे गये. इस तरह का वाकया सदर अस्पताल के लिए कोई नयी नहीं है.अस्पताल में अक्सर बाहरी लोग इलाज करते तथा मरीजों को स्टिच लगाते देखे जाते हैं. इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच कराने की बात कही है.