जमुई. जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना कुंडघाट जलाशय योजना शीघ्र ही सिकंदरा प्रखंड के किसानों के लिए वरदान साबित होने जा रही है. डीपीआरओ भानु प्रकाश ने बताया कि विभागीय जानकारी के अनुसार, इस योजना के पूर्ण होने के बाद सिकंदरा प्रखंड की करीब 2035 हेक्टेयर भूमि को स्थायी सिंचाई सुविधा मिल सकेगी. इससे इलाके के कृषि उत्पादन में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद जतायी जा रही है. उन्होंने बताया कि राज्य में इस वर्ष अब तक सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गयी है. इससे खेतों में समय पर सिंचाई की जरूरत महसूस की जा रही है. इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए जल संसाधन विभाग की ओर से प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित की जा रही है. इन्हीं परियोजनाओं में शामिल है कुंडघाट जलाशय परियोजना. इसके तहत सिकंदरा प्रखंड की बहुआर नदी पर 270.31 करोड़ की लागत से 350 मीटर लंबा मिट्टी का बांध, गेटेड स्पिलवे, आरसीसी बॉक्स आउटलेट और नहर वितरण प्रणाली का निर्माण किया जा रहा है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, योजना की भौतिक प्रगति 94 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है और शेष कार्यों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है. योजना की संरचना इस प्रकार डिज़ाइन की गयी है कि वर्षाजल का प्रभावी संग्रहण किया जा सके तथा उसे खेतों तक नियंत्रित और नियमित रूप से पहुंचाया जा सके. योजना के पूरी तरह क्रियान्वित हो जाने पर सिकंदरा प्रखंड के किसान न केवल बेहतर सिंचाई सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, बल्कि उनकी फसल उत्पादन क्षमता और आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी. राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस प्रकार के विकासोन्मुखी प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि को मजबूती मिलेगी और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा.
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