Bihar News: बिहार की सियासत में बीड़ी कुछ दिनों से ट्रेंड कर रहा. पहले तो केंद्र सरकार ने बीड़ी पर जीएसटी 18 फीसदी दी और इसके बाद केरल कांग्रेस की ‘बी से बीड़ी और बी से बिहार’ वाली पोस्ट ने सियासी खेमे में हलचल पैदा कर दी. हालांकि उस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया. इन सब के बीच आज हम बात करेंगे बिहार के जमुई जिले की हरियाडीह गांव के बारे में जहां बीड़ी बनाने वाली महिलाएं इस रोजगार से जुड़कर खुद के लिए मौत को बुलावा दे रहीं.
जमुई के हरियाडीह की कहानी
दरअसल, जमुई जिले के हरियाडीह गांव में महिलाओं का एक समूह बीड़ी बनाने का काम करती है. महिलाएं अपने घर की साफ-सफाई, बर्तन धोने, खाना पकाने और बच्चों को तैयार करने के बाद काम करने पहुंचती हैं. यानी कि अपने घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद वे बीड़ी बनाने के लिए एक जगह इकट्ठा होती हैं. हालांकि, इन महिलाओं को कई तरह की परेशानियां भी झेलनी पड़ती है.
बहुत कम मिलता है मेहनताना
बीड़ी बनाने वाली महिलाओं को इस काम का मेहनताना तो बहुत नहीं मिलता, लेकिन टीबी का रोग बहुत कम उम्र में गले पड़ जाता है. इसके साथ ही अन्य स्वास्थ्य संबंधी बीमरियां भी झेलनी पड़ रही. जिगर सिर्फ बीड़ी जलाने में ही नहीं जलता बल्कि बीड़ी बनाने में भी जलता है.
पिंकी देवी ने क्या बताया?
बीड़ी बनाने वाली महिला पिंकी देवी ने बताया कि इस काम के कारण उनके सिर में दर्द, गैस की बीमारी, शरीर कमजोर होना और खाना तक नहीं खाया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने वेतन बढ़ाने की भी मांग की. दरअसल, 125 रुपये उन्हें मजदूरी दी जाती है जिसे बढ़ाकर 250 रुपये करने की मांग कर रहीं. पिंकी देवी ने बीड़ी बनाने वाली एक अन्य महिला बबीता देवी के बारे में बताया कि बीड़ी बनाते-बनाते वह दुबली पतली हो गईं थीं और आखिरकार उनकी मौत हो गई. ऐसी ही स्थिति अब पिंकी देवी के साथ भी हो रही है.
मजबूरी में कर रहीं बीड़ी बनाने का काम
बीड़ी बनाने वाली एक अन्य महिला सुनिता देवी ने भी बताया कि उन्हें भी कई तरह की बीमारियों जैसे कि घुटने का दर्द, सिर दर्द जैसी कई परेशानियां झेलनी पड़ रही है. उन्होंने यह भी बताया कि वह काफी सालों से यह काम कर रहीं हैं. जिले में अन्य किसी तरह का रोजगार नहीं मिलने के कारण वे मजबूरी में बीड़ी बनाने का काम कर रहीं हैं और इससे आगे नहीं बढ़ पाईं.
बीमारियां मौत को दे रही बुलावा
इस तरह से बिहार में बीड़ी बनाने वाली महिलाओं ने बेझिझक अपनी बातों को रखा. वे अन्य रोजगार से नहीं जुड़ पाने के कारण मजबूरी में बीड़ी बनाने का काम कर रहीं. इस काम के करने से उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियां हो रही है, जो उनके मौत की वजह बनती जा रही है. महिलाओं ने मेहनताना बढ़ाने की मांग की. ऐसे में इन महिलाओं के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखने वाली बात होगी.
(जमुई से पंकज कुमार सिंह की रिपोर्ट)

