सोनो : वज्रपात के रूप में प्रकृति की मार से परेशान सोनो प्रखंडवासी इस बात से चिंतित है कि आखिर सोनो के क्षेत्र में इतनी वज्रपात की घटना क्यों हो रही है. यहां के लोगों के मन में सवाल उमड़ घुमड़ रहे है कि आखिर सोनो पर प्रकृति इतनी खफा क्यों है.
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लगातार हो रहे वज्रपात से सोनोवासी चिंतित
सोनो : वज्रपात के रूप में प्रकृति की मार से परेशान सोनो प्रखंडवासी इस बात से चिंतित है कि आखिर सोनो के क्षेत्र में इतनी वज्रपात की घटना क्यों हो रही है. यहां के लोगों के मन में सवाल उमड़ घुमड़ रहे है कि आखिर सोनो पर प्रकृति इतनी खफा क्यों है. अभी मानसून आये […]
अभी मानसून आये एक माह भी नहीं हुए. बीते 10-15 दिन पूर्व यहां के लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत तब मिली थी जब बारिश का शुभागमन हुआ था, लेकिन मॉनसून की पहली बारिश में ही आकाशीय बिजली ने खौफनाक रूप ले लिया और पहली बारिश में ही वज्रपात से दो अलग अलग पंचायत में दो लोगों की जान चली गयी.
बीते 21 जून को बारिश के बीच हुए वज्रपात में लोहा पंचायत के भलगुहा में गुड्डू टुड्डू नामक व्यक्ति की मौत तब हो गयी थी. जब तेज हवा व बारिश में आम चुनने घर से कुछ दूर आम के पेड़ के नीचे गया था और तभी वज्रपात हुआ था. इसी दिन गंदर पंचायत के मोहगांय निवासी महिला संजू देवी भी तब वज्रपात की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठी थी.
जब वह घर से दूर बरनार नदी में स्नान कर गीले कपड़े सर पर लिए वापस घर आ रही थी. वज्रपात से उसके शरीर के ऊपरी भाग बुरी तरह झुलस गया था. इस घटना के चार दिन बाद ही 26 जून को एक और आसमानी आफत सोनो प्रखंड पर वज्रपात के रूप में आया. 26 जून की दोपहर बारिश के बीच हुए वज्रपात में फिर से दो लोगों की जान चली गयी थी.
लखनकियारी पंचायत के कोरिया गांव निवासी 22 वर्षीय राजेश कुमार यादव व चुरहेत पंचायत के भलुआही गांव निवासी 45 वर्षीय सुकदेव यादव की मृत्यु वज्रपात की चपेट में आने से हो गयी. ये मवेशी चराकर वापस घर लौट रहे थे. राजेश की तो कुछ ही दिन पूर्व शादी हुई थी. वज्रपात से लगातार चार लोगों की मौत का सदमा से प्रखंडवासी अभी उबरे भी नहीं थे कि सोमवार को फिर से प्रखंड मुख्यालय वज्रपात की चपेट में आ गया. जिससे दो किशोर व एक बच्चे की मौत हो गयी.
लगातार हो रहे वज्रपात और उसकी चपेट में आकर असमय काल की गाल में समाते लोगों की घटना से लोग न सिर्फ सहमे हुए है बल्कि घबराये हुए भी है. किसान की घबराहट इस बात को लेकर है कि वे बरसात के इस खेती के मौसम में कैसे खेतों में काम करेंगे. जरूरी काम को लेकर घर से बाहर निकले लोगों के घरवालों की जान तब अटक जा रही है जब बारिश और मेघ गर्जन होने लगती है. एक पखवारे में सात लोगों की जिंदगी लीलने वाले वज्रपात के रूप में इस प्राकृतिक आफत को लेकर लोग बेहद चिंतित है.
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