पटेढी बेलसर. जिले के आठ प्रखंडों के लोगों के लिए बरसात के मौसम में शोक का कारण बनने वाली वाया नदी की उड़ाही कार्य की योजना की कैबिनेट से स्वीकृति मिलने पर वाया नदी के किनारे बसे लोगों ने खुशी का इजहार किया है. बीते 6 जनवरी को यहां अपनी प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौना वाया नदी पुल से वाया नदी का निरीक्षण किया था तथा इसकी उड़ाही कराने की घोषणा की थी. सीएम की घोषणा के चंद दिनों बाद ही बीते 4 फरवरी को कैबिनेट से इसकी उड़ाही कार्य के लिए 54.45 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति मिल गयी. शनिवार को डीएम यशपाल मीणा तथा एसपी ललित मोहन शर्मा ने मौना गांव स्थित वाया नदी पुल के निकट नदी का मुआयना किया. डीएम ने बताया कि वाया नदी तल की ढाल कम होने के कारण जल की निकासी काफी धीरे-धीरे होती है. इससे प्रत्येक वर्ष नदी तल में गाद जमा हो रहा है. कैबिनेट से उड़ाही कार्य की स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही कार्य प्रारंभ होंगे. नदी की गाद सफाई का कार्य पूर्ण होने के बाद जल बहाव तेजी से होगा. बाढ़ का खतरा कम होगा.
पूर्वी चंपारण से निकलती है वाया नदी :
पूर्वी चंपारण जिले केसरिया प्रखंड से निकलने वाली वाया नदी बेगूसराय के तेघड़ा प्रखंड में जाकर गंगा नदी में मिलती है. वाया नदी वैशाली जिले के वैशाली, पटेढी बेलसर, गोरौल, भगवानपुर, महुआ, जंदाहा, सहदेई बुजुर्ग तथा महनार प्रखंडों से गुजरती है. जिले में नदी की कुल लंबाई 93.17 किलोमीटर है. बरसात के दिनों में यह नदी इन आठ प्रखंडों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न करती है. डीडीसी कुंदन कुमार ने बताया कि कैबिनेट द्वारा स्वीकृत राशि से वैशाली जिले के सभी प्रखंडों में नदी की उड़ाही कार्य होंगे. इस दौरान डीपीआरओ नीरज कुमार, बीडीओ प्रियंका भारती, सीओ निलेश वर्मा, थानाध्यक्ष मनोज कुमार भी थे.बेलसर थाना पर डीएम-एसपी ने सुनी लोगों की समस्या
डीएम-एसपी ललित बेलसर थाना में आयोजित साप्ताहिक जनता दरबार में भी शामिल हुए. उन्होंने शिविर में मौजूद फरियादियों की फरियाद सुनी. इस दौरान भूमि विवाद से संबंधित करीब आधा दर्जन मामलों की सुनवाई की. डीएम ने जनता दरबार में मौजूद सीएम निलेश वर्मा को कई जरूरी निर्देश भी दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है