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hajipur news. राघोपुर के 72 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, सरकारी मदद नहीं मिलने पर हंगामा

मुख्य सड़क से सभी गांवों का संपर्क टूट चुका है, बाढ़ के पानी में कई एकड़ में लगी फसल एवं सब्जी बर्बाद हो गयी हैं

राघोपुर. राघोपुर प्रखंड की 20 पंचायत के करीब 72 गांवों में बाढ़ का पानी पिछले कई दिनों से फैला हुआ है. मुख्य सड़क से सभी गांवों का संपर्क टूट चुका है. बाढ़ के पानी में कई एकड़ में लगी फसल एवं सब्जी बर्बाद हो गयी हैं. प्रशासन की तरफ से वार्ड प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त नाव की व्यवस्था नहीं किये जाने से लोगों में नाराजगी है. राघोपुर प्रखंड कार्यालय परिसर, जुड़ावनपुर थाना, ठाकुर राम शरण सिंह प्लस टू विद्यालय, पृथ्वी सिंह प्लस टू विद्यालय जहांगीरपुर कन्या प्रोजेक्ट विद्यालय पहाड़पुर सहित प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. प्रखंड के मुख्य सड़क रुस्तमपुर से बीरपुर तक कई जगहों पर चार फीट से ऊपर पानी भरा हुआ है. वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप है. लोग जान जोखिम में डालकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जरूरत के सामान लाने जाते हैंं. किसान मवेशी को लेकर स्कूल सड़क एवं ऊंचा स्थान पर शरण ले रहे हैं. प्रखंड के सभी गांवों के अधिकतर घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. उसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण बाढ़ पीड़ितों को सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.

अब तक मिलने नहीं आए सांसद और विधायक

प्रखंड का लगभग गांव पिछले कई दिनों से बाढ़ की चपेट में है. उसके बाद भी स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एवं स्थानीय विधायक सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव बाढ़ पीड़ितों से मिलने नहीं पहुंचे हैं. बाढ़ पीड़ित सांसद और विधायक के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के खिलाफ लोग कई तरह की टिप्पणी कर रहे हैं.

पर्याप्त संख्या में नाव उपलब्ध कराने की मांग

लोगों ने जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन से राघोपुर विधानसभा अंतर्गत बिदुपुर एवं राघोपुर प्रखंड के वार्ड प्रभावित क्षेत्र में अविलंब पर्याप्त नाव उपलब्ध कराने की मांग की. इन्होंने कहा कि प्रशासन अविलंब बाढ़ पीड़ितों के बीच नाव, खाद्य सामग्री, पॉलीथिन शीट का वितरण करें. वहीं सभी जगह पर सामुदायिक किचन चलाया जाए. पशुओं के लिए चार की व्यवस्था की जाए. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डाक्टर के द्वारा शिविर लगाकर मरीजों का इलाज किया जाए और सरकार राघोपुर प्रखंड को अविलंब बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करें. प्रखंड की नौ पंचायतों में बिजली की आपूर्ति भी बंद कर दी गई है. बिजली नहीं रहने के कारण मोबाइल काम नहीं कर रहा है. इससे लोग रात्रि में किसी प्रकार की समस्या होने पर प्रशासन एवं अपने लोग से संपर्क स्थापित नहीं कर पाने की आशंका से भयभीत हैं. उन्होंने वैकल्पित व्यवस्था की मांग की है.

खुदगाश के ग्रामीणों ने किया हंगामा

राखुदगाश में बाढ़ पीड़ितों ने सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर हंगामा किया. हंगामा कर रहे लोगों ने कहा कि गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. घर के आसपास एवं सड़क पर बाढ़ का पानी लबालब भरा हुआ है. स्थानीय प्रशासन के द्वारा नाव, पशु चारा एवं खाद्य सामग्री की व्यवस्था नहीं की गई है. हंगामा कर रहे देवेंद्र भगत, शंकर प्रसाद, रामेश्वर महतो, राजकुमार भगत, बेला भगत, शंकर भगत, सुरेंद्र भगत, रामबाबू भक्त, प्रमोद भगत आदि ने बताया कि बाढ़ के पानी आने के कारण काफी कठिनाई हो गई है. स्थानीय प्रशासन के स्तर पर नाव , पशु चारा एवं खाने का कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराया गया है. लोगों ने स्थानीय एवं जिला प्रशासन से अविलंब पर्याप्त नाव, पशु चारा पॉलीथिन शीट खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की एवं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित एवं फसल नष्ट का मुआवजा देने की मांग की.

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