हाजीपुर. शहर में गंडक नदी के किनारे स्थित कोनहारा घाट स्थित श्मशान घाट काफी ऐतिहासिक माना जाता है, यहां बिहार के कई जिलों से लोग शवों का अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते हैं. मान्यता है कि कोनहारा श्मशान घाट में अंतिम संस्कार से मृतात्मा को मोक्ष मिलता है. इसी कारण इसे मुक्तिधाम भी कहा जाता है. लेकिन कोनहारा घाट पर आवश्यक सुविधाओं की कमी और श्मशान घाट में गंदगी का अंबार फैला है. लोग अपने परिवार के सदस्यों का शव हिन्दू रीति रिवाजों से घाट पर अंतिम संस्कार करते हैं. मगर घाट पर फैली गंदगी के बीच ही शवों का अंतिम संस्कार करने में लोग मजबूर है. घाट पर पहुंचे लोगों के लिए बनाया गया शेड भी कई जगह से टूट गया है, साथ ही शेड में लगाया गया स्टील की कुर्सी में टूट चुकी है. सदर थाना क्षेत्र के चक्रव्या निवासी जय प्रकाश सिंह ने बताया कि श्मशान घाट में नदी के किनारे बने शेड के पास काफी गंदगी फैली है. यहा पर कूड़ा-कचरा के कारण दुर्गंध आती रहती है. बारिश के दिन में शेड के नीचे पानी गिरने से लोग बारिश में भीग जात है. वहीं शेड में लगाया गया कुर्सी में टूट गयी है, लोगों को बैठने के लिए जगह नहीं है. जहां लोग बैठ कर आराम कर सके. लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है, जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम और जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे बैठे हैं, जिससे यहां अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर आने वालों लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. घाट पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं कौनहारा श्मशान घाट पर दिन रात लोग शव का अंतिम संस्कार करने के लिए आते है. घाट पर रोशनी पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से देर शाम के बाद घाट पर शव लेकर आनेवाले लोगों को अंतिम संस्कार करने में परेशानी होती है. मोक्षधाम पर बना पार्क भी यहां की बदहाली बयां कर रहा है. जगह-जगह हाइमास्ट लाइटें तो लगी हैं, लेकिन इनमें कई खराब पड़ी हैं. वहीं घाट पर लगाया गया वाटर एटीएम भी काफी दिनों से खराब पड़ा है. जिसे लोगों को अधिक दामों में पानी का बोतल खरीद कर पीने पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि वाटर एटीएम का रखरखाव का अभाव के कारण वाटर एटीएम खराब पड़ा है. सदर थाना क्षेत्र निवासी संजय सिंह ने बताया कि वैशाली सहित अन्य जिलों से लोग कोनहारा घाट पर लोग का अंतिम संस्कार के लिए शव जलाने आते हैं, मगर घाट पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से देर शाम के बाद घाट पर आने वाले लोग काफी परेशान होते हैं. नदी तक उतरने की नहीं व्यवस्था शहर में गंगा-गंडक के संगम तट को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए करीब एक दशक पहले सौंदर्यीकरण पर काम शुरू हुआ, लेकिन आज तक योजना आकार नहीं ले सकी. घाटों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए लिंक रोड और सभी स्नान घाटों पर पक्की सीढ़ियों के निर्माण का काम अब तक पूरा नहीं हो सका. कोनहारा श्मशान घाट पर सीढ़ी का निर्माण अब तक नहीं हो सका. घाट पर सदस्यों का शव जलाने पहुंचे लोगों ने बताया कि शव का अंतिम संस्कार करने के लिए नदी से पानी लेना पड़ता है, लेकिन श्मशान घाट पर सीढ़ी का नहीं होने से नदी में पानी लेने में काफी परेशानी होती है. क्या कहते हैं जिम्मेवार कोनहारा घाट पर दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. लोगों की सुविधा के लिए नगर परिषद द्वारा कई प्रयास किये गये हैं. शेड, कुर्सी आदि के टूटने की जानकारी मिली है. इसे तुरंत ठीक करा लिया जायेगा. – डा संगीता कुमारी, सभापति, नगर परिषद, हाजीपुर
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