गोपालगंज. देश की चुनाव प्रणाली को पारदर्शी, सुगम और मतदाता-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने कई महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की है. जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी डॉ शशिप्रकाश राय ने बताया कि इन सुधारों से मतदाता अनुभव में गुणात्मक सुधार आयेगा और चुनाव प्रक्रिया अधिक सशक्त और भरोसेमंद बनेगी. अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गयी है, जिससे भीड़भाड़ कम होगी और मतदान का अनुभव बेहतर होगा. मतदाता सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया को अधिक सटीक बनाने के लिए मृत्यु पंजीकरण डेटा सीधे पंजीयक जनरल, भारत (आरजीआइ) से प्राप्त किया जायेगा और सत्यापन उपरांत मृत व्यक्तियों के नाम सूची से हटाये जायेंगे. वोटर इनफॉर्मेशन स्लिप को भी नया स्वरूप दिया गया है, जिसमें भाग संख्या और क्रम संख्या को प्रमुखता से दर्शाया जाएगा. मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा दी जायेगी, ताकि मतदान केंद्रों के अंदर पारदर्शिता बनी रहे. राजनीतिक दलों से समन्वय के लिए बैठकें आयोजित की गयी हैं. बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. प्रचार बूथ लगाने की अनुमत दूरी 200 मीटर से घटाकर अब 100 मीटर कर दी गयी है. इसके अलावा, ‘इ-सेंट’ नामक एकीकृत डैशबोर्ड की शुरुआत की गयी है, जिससे सभी चुनावी सेवाएं एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगी. प्रत्येक मतदाता को अब विशिष्ट इपिक नंबर मिलेगा, जिससे डुप्लीकेट वोटर आईडी की समस्या का समाधान होगा. आयोग 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान कर उनके लिए प्रशिक्षण सामग्री भी तैयार कर रहा है. यह पहल लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनायेगी.
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