गोपालगंज. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने राज्यव्यापी आह्वान पर नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति एवं स्थानांतरण की मांग को लेकर शहर के आंबेडकर चौक पर धरना-प्रदर्शन किया. यह धरना जिलाध्यक्ष रतिकांत साह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. कड़ाके की ठंड के बावजूद भारी संख्या में शिक्षक एकजुट होकर शिक्षा विभाग की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. धरना को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष रतिकांत साह ने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा देने वाले शिक्षक सरकार और विभाग की लापरवाही और मनमानी से त्रस्त हैं. 20 वर्षों से शिक्षा देने वाले नियोजित शिक्षकों को नियमों के बावजूद प्रोन्नति और स्थानांतरण से वंचित रखा गया है. सरकार केवल शिक्षकों की समस्याओं को हल करने के बारे में बयानबाजी करती है, लेकिन वास्तविक समाधान नहीं देती. उन्होंने बताया कि बिहार पंचायत, नगर निकाय प्रारंभिक शिक्षक नियोजन नियमावली 2006, संशोधित 2012 एवं 2020 के तहत नियोजित शिक्षकों को 12 वर्षों की सेवा पर स्नातक ग्रेड का वेतन, स्नातक योग्यताधारी बेसिक ग्रेड शिक्षक को आठ वर्षों पर स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति और पांच वर्षों के बाद मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति का लाभ मिलना चाहिए. नियोजित शिक्षकों को स्थानांतरण का कोई लाभ नहीं मिल रहा, जबकि नियमावली में इसके स्पष्ट प्रावधान हैं. संघ के जिला सचिव अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि अब तक संघ ने संघर्ष करके कई सुविधाएं प्राप्त की हैं, लेकिन विभाग को इन मांगों को अविलंब पूरा करना चाहिए. उन्होंने सभी शिक्षकों से एकजुट रहने की अपील की और कहा कि अगर मांगें पूरी नहीं होतीं, तो आंदोलन और तेज किया जायेगा. धरना-प्रदर्शन में अशोक कुमार तिवारी, जयनारायण सिंह, राजीव कुमार, जितेंद्र कुमार, मोहम्मद ताजुद्दीन, शंभू प्रसाद, मनोज कुमार, पुष्पेंद्र, राजीव रंजन, राधेश्याम माझी, विपिन प्रसाद, विपिन बिहारी सिंह, मनीष कुमार, नागेंद्र कुमार, शाहनवाज अहमद, दीनबंधु माझी, जलेश्वर कुमार, सुरेंद्र कुमार सहित अन्य शिक्षक शामिल हुए.
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