गोपालगंज. एनआइए के एक्शन के बाद सुरक्षा एजेंसियां मानव तस्करों की सिंडिकेट को खंगालने में जुटी है. अब कुचायकोट में तीन अप्रैल की देर शाम नेपाली करेंसी व 8774 सिम कार्ड के साथ मालदा के तीन युवक गिरफ्तार किये गये थे. सिमकार्ड से जुड़े मामले की जांच को भी इसी कड़ी में शुरू किया गया. कुचायकोट पुलिस की जांच में सिमकार्ड का उपयोग साइबर फ्राॅड से ही जुड़े होने की बात सामने आयी थी. एनआइए की कार्रवाई से साफ हो गया है कि संयुक्त अरब अमीरात, कंबोडिया, थाईलैंड, वियतनाम, लाओस एसइजेड में युवाओं को लाओस, गोल्डेन ट्रायंगल एसइजेड और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटरों में ऑनलाइन फ्रॉड करने के लिए सिमकार्ड को भी इंडिया से मंगाने जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. मालदा के रहने वाले युवक भी नेपाल से गोरखपुर एयरपोर्ट से सिम कार्ड लेकर पुन: नेपाल जाने की फिराक में थे. नेपाल के जरिये सिम विदेशों में जाता. वहां फ्रॉड के लिए प्रयोग होता. इससे पहले भी सिम इस तरह से गये हो सकते हैं. सुरक्षा एजेसियां गंभीरता से मामले की जांच कर रही है. गोपालगंज से युवकों को विदेश में भेज कर चीन व पाकिस्तान के साइबर फ्रॉड के काम के लिए सप्लाइ करने वाले युवकों को भेजने के मामले में नगर थाना के हजियापुर खाड़ के रहने वाले केशव सिंह के पुत्र प्रह्लाद सिंह को गिरफ्तार किया गया. उसके खुलासे के बाद जांच में तेजी आ गयी. मुख्य रूप से चीन व पाकिस्तान संचालित रैकेट के लिए काम करने वाली कंपनी के एजेंटों से इनका संपर्क है. उनसे एक युवा के लिए दो से तीन हजार डॉलर लेकर यहां से युवकों को सप्लाइ कर दे रहे हैं.
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