उचकागांव. व्यक्ति कितना भी अधम क्यों न हो, सच्चे मन से श्रीमद्भागवत महापुराण का श्रवण करने मात्र से पापों से मुक्ति मिल जाती है. भागवत कथा कलिकाल में मानव मात्र के लिए उस नौका के समान है, जिस पर सवार हुए बिना भवसागर से पार पाना मुश्किल है. उक्त उद्गार कथा वाचिका प्रियंका द्विवेदी ने लाइन बाजार पोखरा पर चल रहे श्री हनुमत सह रुद्र अचल प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के दौरान अपने प्रवचन कार्यक्रम में व्यक्त किये. भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है. इससे प्रेत योनि व असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है. परिवर्तन संसार का नियम है, जिसे मनुष्य मृत्यु समझता है, वस्तुत: वहीं जीवन है. एक क्षण में मनुष्य करोड़ों का स्वामी बन जाता है, दूसरे ही क्षण में दरिद्र हो जाता है. भागवत कथा मनुष्य के संपूर्ण क्लेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है. उन्होंने अच्छे और बुरे कर्मों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि कलियुग में मोक्ष का सबसे बड़ा साधन भागवत कथा है. इस दौरान अंजनी नंदन पांडेय, लक्ष्मी नारायण सिंह, हरिनारायण सिंह, तेज नारायण सिंह उर्फ तेजा सिंह, अवधेश सिंह, अजय सिंह, दीपक सिंह, दिग्विजय सिंह, पारसनाथ सिंह, सुरेश सिंह, विनय सिंह सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.
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