Nepal Protest: गोपालगंज. बाबू नेपाल के हालत ठीक नइखे. तू कारोबार छोड़ के चली आव गांवे. एहीजा नमक-रोटी खाके रहल जाइ. यह कहना है शहर के अरार मोड़ के कमला राय रोड की निवासी स्व. मूरत भगत, की पत्नी अनारो देवी का. उनका परिवार पिछले चार दशक से नेपाल के काठमांडू के बाबा पारसनाथ मंदिर के समीप गोशाला थाना क्षेत्र के चाबिल चौक के समीप रहकर फल का कारोबार करते हैं. बुधवार को उपद्रवियों के द्वारा भारतीय कारोबारियों के प्रतिष्ठानों को टारगेट कर आग के हवाले किये जाने से यहां के लगभग 350 परिवार सहमा हुआ है.
पूरी रात टीवी के सामने बैठा रहा परिवार
अनारो देवी ने बताया कि उनके परिवार के लोगों से तीन दिनों से बात नहीं हो रही थी. पूरी रात टीवी के सामने बैठ कर देखती रही. दिल बैठता रहा. आज सुबह बात हुई, तो साफ कह दिया कि छोड़कर चले आओ. अनारो देवी पुत्रवधू सुनैना देवी, पोते रोहन कुमार, सुनील कुमार और पोती आकृति कुमारी के साथ यहां रहती हैं. घर में खाना तक नहीं बन रहा था. वहीं, राजीव कुमार के पुत्र ऋषभ कुमार काठमांडू में मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. राजीव का परिवार भी पूरी-पूरी रात बेचैन रहा. नेपाल में गोपालगंज में 350 से अधिक परिवार रहकर कारोबार करते हैं. उनके परिजनों की नींद हराम हो गयी है. पल-पल की स्थिति पर नजर रख रहे हैं.
स्वदेश लाने का हो इंतजाम
नेपाल में विद्यार्थी प्रसाद, कृष्णकांत कुशवाहा, राम भगत प्रसाद सहित कई लोग फंसे हुए हैं. सभी परिवारजन अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं. उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि तत्काल एडवाइजरी जारी की जाये और जरूरत पड़ने पर भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने की व्यवस्था की जाये. नेपाल में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार को त्वरित हस्तक्षेप कर प्रवासी भारतीयों को भरोसा और सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए.

