गोपालगंज. अप्रैल महीने में ही मई-जून जैसी गर्मी ने लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित करना शुरू कर दिया है. तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है, जिससे उल्टी, दस्त और डायरिया जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. खासकर बच्चों और बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन और पेट से जुड़ीं परेशानियों के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं.
सोमवार को ओपीडी में 350 से ज्यादा मरीजों का हुआ पंजीकरण
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रोजाना 10 से 15 से अधिक मरीज उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. सोमवार को ओपीडी में 350 से ज्यादा मरीजों का पंजीकरण हुआ, जिनमें से 70 से ज्यादा मरीजों में डायरिया जैसे लक्षण पाये गये. गंभीर स्थिति में 10 से अधिक मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया. अस्पताल प्रशासन की ओर से ग्लूकोज व ओआरएस के घोल के साथ जरूरी दवाएं दी जा रही हैं. अस्पताल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज लें और स्वयं इलाज करने से बचें. गर्मी के इस मौसम में सतर्कता ही सुरक्षा है.
डॉक्टर की सलाह
फिजिशियन डॉ सनाउल मुस्तफा ने बताया कि गर्मी में शरीर से अधिक पसीना निकलने से पानी और लवण की कमी हो जाती है, जिससे डायरिया जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में पेय पदार्थ जैसे ओआरएस, जूस, छाछ, जलजीरा, लस्सी, पन्ना आदि का सेवन फायदेमंद है.
क्या कहते हैं सीएस : सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि गर्मी में खानपान और जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी है. डायरिया से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, फलों व सब्जियों का सेवन बढ़ाएं और तला-भुना भोजन खाने से बचें. अस्पताल में इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी हैं.बचाव के उपाय
शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें, पांच से सात लीटर पानी रोज जरूर पीएं.ओआरएस या शक्कर-नमक का घोल पीते रहें.
दूषित पानी और कटे-फटे फल से परहेज करें.ताजा और सुपाच्य भोजन करें, बासी व मसालेदार चीजों से बचें.
तेज धूप में बाहर न निकलें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है