गोपालगंज. आपने इंसाफ व फैसले की एक लंबी लकीर खींची है, वह एक इतिहास कायम हुआ. स्थानांतरण एक सरकारी प्रक्रिया है, और जब तक नौकरी रहेगी, तब तक होती रहेगी. यह सोचकर मन शांत है. एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र का विदाई समारोह कोर्ट में आयोजित हुआ. अपने कार्य के अंतिम दिन हत्या की दोषी बड़ी मां को सजा देने के बाद उन्होंने अपना प्रभार सौंप दिया.
लोगों में जगी न्याय की उम्मीद
इसमें अधिवक्ताओं ने कहा कि इस जिले में लोगों को जिस तरह न्याय दिया, किसी भी व्यक्ति, खासकर वैसे व्यक्ति, जो कमजोर वर्ग से हैं, मध्यम वर्ग से हैं. कानून का पालन करने वाले हैं और शांतिप्रिय हैं, उनके साथ जब भी कुछ बुरा होता है, तो वे न्यायालय से न्याय की उम्मीद रखते हैं. और न्यायाधीश के प्रति अपनी आस्था रखते हैं, कि वे उन्हें न्याय दिलाएंगे. ऐसे ही परिस्थिति में आपका इस जिले में आगमन हुआ और उन्होंने जिस प्रकार से न्याय दिया, जितनी जल्दी न्याय मिला, उससे लोगों के अंदर न्याय की उम्मीद फिर से जगी और न्यायालय के प्रति एक बार फिर आस्था बनी. कई बार गोपालगंज व्यवहार न्यायालय के परिसर में लोगों को यह कहते सुना है कि काश! मेरा केस मानवेंद्र सर के न्यायालय में होता, तो तुरंत न्याय मिल जाता. आपने जिस प्रकार पुलिस प्रशासन पर अंकुश लगाया, हर उस व्यक्ति को सजा दी, जो सजा का पात्र था और हर उस व्यक्ति को न्याय दिया, जो न्याय का पात्र था, यह हम सब जिलावासियों के लिए गौरवपूर्ण रहा. हम सभी जिलावासियों, विशेषकर हम लोगों की ओर से, दिल से यह दुआ है कि आप के जीवन में निरंतर प्रोन्नति होती रहे और वे फिर से हमारे जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बनकर न्याय करने आएं. हम सभी लोग सर का फिर से स्वागत करेंगे. साथ ही यह भी दुआ है कि आप इससे भी आगे प्रोन्नति पाकर माननीय उच्च न्यायालय जाएं, जहां इस प्रदेश के सभी लोगों को न्याय मिल सके. मौके पर सीजेएम आनंद त्रिपाठी समेत कई जज व वरीय अधिवक्ता रामनाथ साहु समेत सैकड़ों अधिवक्ता थे.
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