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पॉकेट में नोट, फिर भी खाने पर संकट
गोपालगंज: पॉकेट में नोट रहने के बाद भी खाने का संकट है. लोगों के पास हजार और पांच सौ के नोटों की कमी नहीं है. वे बैंक में भी प्रयास कर चुके हैं कि बदले जा सकें. लेकिन बैंक में भी उन्हें नाकामी मिली है. नतीजा है कि पैसा रहने के बाद भी न तो […]
गोपालगंज: पॉकेट में नोट रहने के बाद भी खाने का संकट है. लोगों के पास हजार और पांच सौ के नोटों की कमी नहीं है. वे बैंक में भी प्रयास कर चुके हैं कि बदले जा सकें. लेकिन बैंक में भी उन्हें नाकामी मिली है. नतीजा है कि पैसा रहने के बाद भी न तो राशन मिल पा रहा और न ही जरूरत के सामान. घर से लेकर किचेन तक अब किचकिच शुरू हो गयी है.
राशन के अभाव में किचेन में भी सन्नाटा देखने को मिल रहा है. अधिवक्ता नगर के पाठक जी वकील एक हजार रुपया लेकर घर से राशन के लिए निकले थे. नोट बदलने के लिए बैंक में प्रयास किये. नाकामी हाथ लगी. बाद में सामान लेने के लिए बाजार में गये, तो दुकानदारों ने सामान देने से इनकार कर दिया. कारोबारी उधार सामान देने को तैयार थे. यह किसी एक आदमी का नहीं बल्कि आज अधिकतर परिवार इस समस्या से जूझ रहा है. उधर, बाजार पर नजर डालें तो चारों तरफ सन्नाटा दिख रहा. जिन दुकानों में सुबह आठ बजे से रात के आठ बजे तक काफी भीड़ रहती थी, वहां आज ग्राहक का इंतजार हो रहा है.
मिलन मेगा मार्ट के मैनेजर अभिषेक भारती की मानें तो प्रतिदिन उनके यहां तीन से चार लाख कारोबार होता था. शुक्रवार को एटीएम, डेबिट कार्ड की बदौलत 50 से 60 हजार रुपये का कारोबार हो रहा. चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मोहन गुप्ता की मानें तो पिछले तीन दिनों में 56 करोड़ रुपये की क्षति बाजार को हुई है.
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