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चार घंटे तक जाम रखी सड़क

हत्या के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश पुलिस के खिलाफ फूट पड़ा. ग्रामीणों ने सड़क को जाम कर पुलिस के खिलाफ आंदोलन पर उतर आये. इस आंदोलन में सर्वाधिक महिलाएं शामिल थीं. आंदोलन के आगे पुलिस लाचार दिखी. कुचायकोट : रामपुर खरेया में युवक की हत्या में पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने […]

हत्या के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश पुलिस के खिलाफ फूट पड़ा. ग्रामीणों ने सड़क को जाम कर पुलिस के खिलाफ आंदोलन पर उतर आये. इस आंदोलन में सर्वाधिक महिलाएं शामिल थीं. आंदोलन के आगे पुलिस लाचार दिखी.
कुचायकोट : रामपुर खरेया में युवक की हत्या में पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने युवक के शव को सड़क पर रख कर सासामुसा- सेमरा मुख्य पथ को जाम कर दिया.
सुबह छह बजते ही सड़क पर ग्रामीण उतर गये थे. पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. एसपी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गये. सड़क जाम की सूचना पर कुचायकोट पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. बाद में थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार अतिरिक्त पुलिस बल के साथ पहुंचे और घंटों मशक्कत करने के बाद किसी तरह जाम को हटाने में सफलता पायी.
ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने अब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं की है. ग्रामीण स्क्वाॅयड डॉग मंगा कर घटनास्थल की जांच करने की मांग कर रहे थे. ग्रामीणों के सड़क जाम से सेमरा-सासामुसा पथ पर यात्री गाड़ियों का परिचालन ठप हो गया. आस-पास के लोग भी इस आंदोलन में शामिल हो गये थे. हालांकि पूर्व विधायक स्व बच्चा चौबे के पुत्र भूषण चौबे, जिला पार्षद खुशबू देवी की पहल पर ग्रामीणों ने पुलिस की बात को मान कर अपना आंदोलन इस शर्त पर वापस लिया कि चार दिनों के भीतर हत्या में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी कर उन्हें सजा दिलायी जायेगी. ध्यान रहे कि कुचायकोट थाना क्षेत्र के रामपुर खरेया गांव के रहनेवाले खेदन चौधरी का पुत्र जितेंद्र यादव 25 वर्ष मंगलवार को घर से साइकिल से किसी से मिलने के लिए निकला. गुरुवार की सुबह भोपतापुर चंवर में उसकी शव पेड़ से लटका हुआ मिला. मौके से पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराया. हत्या करने के बाद शव को पेड़ में लटका कर आत्महत्या का रूप देने का मामला सामने आया था.
जीविका की महिलाओं ने पुलिस को ललकारा : युवक के शव को सड़क पर रख कर आंदोलन पर उतरे ग्रामीणों के साथ सैकड़ों की संख्या में जीविका की दीदी शामिल भी शामिल थी. जीविका की महिलाओं के शामिल होने से आंदोलन और उग्र हो गया. महिलाओं ने जम कर न सिर्फ पुलिस को ललकारा बल्कि समाज के कई तत्वों को भी ललकारा. मौके पर पहुंचे थानेदार से डीएम साहब को बुलाने की मांग पर अड़ गयी. 25 लाख रुपये के मुआवजे की मांग कर रही थी. थानेदार ने हत्या के मामले में मुआवजे का प्रावधान नहीं होने की बात समझा कर शांत कराया.
परिजनों ने दर्ज करायी प्राथमिकी
हत्या के मामले में गुरुवार को परिजनों ने पुलिस में लिखित शिकायत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए नहीं दिया. इस कारण पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई नहीं कर सकी. जब सड़क जाम कर हंगामा शुरू हुआ, तो मौके पर पहुंची पुलिस के सामने परिजनों ने अपना पक्ष रखा. परिजनों के बयान पर उसी गांव के एक युवक समेत पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पुलिस अब पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.

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