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बहाना नमी का, पर धान खरीद में तेजी नहीं आने के और भी हैं कारण

बहाना नमी का, पर धान खरीद में तेजी नहीं आने के और भी हैं कारणअधूरी तैयारी के कारण धान की खरीद बाधित 11-12 सौ रुपये की दर बिचौलिये खरीद रहे हैं धान संवाददाता, पटनासिर्फ नमी के कारण ही धान की खरीद में तेजी हीं आने का कारण नहीं है. पैक्स स्तर पर धान की खरीद […]

बहाना नमी का, पर धान खरीद में तेजी नहीं आने के और भी हैं कारणअधूरी तैयारी के कारण धान की खरीद बाधित 11-12 सौ रुपये की दर बिचौलिये खरीद रहे हैं धान संवाददाता, पटनासिर्फ नमी के कारण ही धान की खरीद में तेजी हीं आने का कारण नहीं है. पैक्स स्तर पर धान की खरीद के लिए आवश्यक तैयारी नहीं होने के कारण भी धान की खरीद जोर नहीं पकड़ रहा है. इसमें क्रय केंद्रों पर पैक्सों में नमी मापक यंत्र, तराजू, गनी बैग, प्रकाश की व्यवस्था, धान रखने के लिए भंडारण आदि शामिल हैं. इसके कारण किसान पैक्स को धान बेचने के बजाय बिचौलियों को बेचने को मजबूर हैं. इसका पूरा लाभ बिचौलिये को मिल रहा है. धान की सर्वाधिक उपज वाले इलाके भोजपुर, रोहतास, पटना, औरंगाबाद सहित दक्षिण बिहार के कई अन्य जिलों में किसानों को 11 सौ से 12 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसान धान बेच रहे हैं. धान खरीद की इंतजाम में जुटे सहकारिता विभाग के अधिकारी ने बताया कि कई कारणों से पैक्स धान की खरीद में रुचि नहीं रहा है. इसमें पैक्सों को कहा गया है कि उन्हें धान के बदले चावल देना है. वहीं अब तक बड़ी संख्या में पैक्सों को धान मिल से संबद्ध नहीं किया जा सका है. आखिर पैक्स धान लेकर करेंगे क्या? पैक्स को धान के बदले एसएफसी को चावल देना है. अधिकारी ने बताया कि अब तक 6800 पैक्स और व्यापार मंडल ने धान खरीद की स्वीकृति दे दी है. इसमें चार सौ व्यापार मंडल शामिल और 6400 पैक्स शामिल हैं. बिहार कॉ आपरेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष विनय शाही ने कहा कि पैक्स काे धान के बदले चावल देने का निर्देश दिया गया है. खासकर वैसे जिले जहां चावल मिल नहीं है. वैसे जिलों के पैक्स कहां से धान की कुटाई कराकर राज्य खाद्य निगम को चावल देंगे? उन्होंने कहा कि सरकार अब तक बोनस की घोषणा नहीं की है. इसके कारण धान उपज वाले दक्षिण बिहार के किसानों को औने-पौने दर पर धान बेचना पड़ रहा है. शाही ने कहा कि कई किसानों को धान की कीमत आज भी विवाद में फंसा है. ऐसे में पैक्स धान खरीद में अभिरूचि नहीं ले रहा है. सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि मूल रूप से नमी के कारण धान की खरीद नहीं हो रही है. यह समस्या जल्द ही दूर हो जायेगी. प्रसाद ने कहा कि पैक्सों को नमी मापक यंत्र और खरीद के लिए धन उपलब्ध करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि जहां चावल मिल नहीं है, वैसे जिलों को बगल के जिलों से संबद्ध कर दिया गया है. इसके लिए मुख्य सचिव ने जिलों को निर्देश भी जारी कर दिया है.

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