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बढ़ी ठिठुरन, नहीं बंट रहा कंबल

सरकार से नहीं मिली अलाव जलाने की राशि गोपालगंज : ठंड से गरीब व असहाय बिलबिला रहे हैं. शायद जिला प्रशासन को किसी गरीब और बेबस की मौत का इंतजार है. अभी तक न तो अलाव जलाने की व्यवस्था की गयी है और न ही गरीबों के बीच बांटे जानेवाले कंबल की खरीदारी की गयी […]

सरकार से नहीं मिली अलाव जलाने की राशि
गोपालगंज : ठंड से गरीब व असहाय बिलबिला रहे हैं. शायद जिला प्रशासन को किसी गरीब और बेबस की मौत का इंतजार है. अभी तक न तो अलाव जलाने की व्यवस्था की गयी है और न ही गरीबों के बीच बांटे जानेवाले कंबल की खरीदारी की गयी है. आपदा प्रबंधन विभाग ने अब तक कंबल बांटने एवं अलाव जलाने के लिए कोई आवंटन जिला प्रशासन को नहीं दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी वरीय उपसमाहर्ता परमानंद साह ने बताया कि आवंटन की प्रत्याशा में धन भी जारी कर दिया गया. तीन दिन पहले डीएम ने भी सभी अंचलों को आदेश देकर कंबल खरीद कर जरूरतमंदों में बांटने को कहा था, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ.
अलाव भी नहीं जलाया : प्रमुख बाजारों में अलाव जलाने की भी व्यवस्था करनी थी, जो नहीं हो सकी. चीनी मिल की तरफ से शहर के चौक-चौराहों पर बगास गिरा कर ठंड से बचाव की व्यवस्था की गयी है. इस मद में जिले को एक माह पहले 3.5 लाख रुपये भी मिल चुके हैं, लेकिन कहीं अलाव नहीं जलाया गया है.
डीएम ने आवंटित की राशि : डीएम राहुल कुमार ने बताया कि ठंड अभी और बढ़ सकती है. अलाव के लिए दोनों अनुमंडलों को राशि का आवंटन कर दिया गया है.
अलाव लगाने का आदेश दिया जा चुका है. अंचल स्तर पर अलाव की व्यवस्था करने को कहा गया है. इसके साथ ही कंबल के लिए भी प्रशासन की तरफ से व्यवस्था की जा रही है. कुछ संस्थाएं भी कंबल वितरण के लिए आगे आयी हैं. जल्द ही कंबल का वितरण किया जायेगा.
अभी और सतायेगी ठंड : तापमान के पल-पल बदलने से इस बार मौसम वैज्ञानिक भी हैरत में है. शिमला जैसी सर्दी का एहसास इस वर्ष मौसम कराने को तैयार है.
गुरुवार को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन पांडेय की मानें, तो गुरुवार को अधिकतम 21 तथा न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री रहा. अगले पांच दिनों के तापमान में गिरावट आने की बात कही जा रही है.
हजियापुर में ठिठुर रहे थे जितेंद्र
हजियापुर में सड़क के किनारे 70 की उम्र पार रामलाल मांझी गुरुवार की रात ठिठुर रहे थे. शहर में रह कर हाड़तोड़ मेहनत करते हैं. दिन भर पसीना बहाने के बाद बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी जुटाते हैं.
मजदूरी कर करते हैं गुजारा
घुलन राम की उम्र 55 के आसपास है. शहर में रहते हैं. हाड़तोड़ मेहनत करते हैं. दिन में किसी-न-किसी जगह पसीना बहा कर चंद सिक्के जुटाते हैं. बस स्टैंड में रिक्शे पर गुरुवार की रात आश्रय लिये थे.
गुजारे के लिए शहर में रहते हैं
परमेश्वर प्रसाद अपना और अपने परिवार के लिए शहर में काम करते हैं. कुछ कमाई कर लेते हैं. गुरुवार की रात में वह धर्मशाला ओवरब्रिज के निकट ठंड से ठिठूर रहे थे.

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