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उत्पाद विभाग ने नियंत्रित शराब बक्रिी का बनाया प्रस्ताव

उत्पाद विभाग ने नियंत्रित शराब बिक्री का बनाया प्रस्ताव- हालांकि सीएम पहले ही कह चुके हैं राज्य में पूर्ण शराब बंदी होगी लागू- विभाग के प्रस्ताव में देशी होगी बंद, विदेशी की बिक्री नियंत्रित करने का प्रस्ताव- बड़े शहरों में 10-10 और छोटे शहरों में 4-4 दुकानें खोलने पर किया जा रहा विचार- 24 को […]

उत्पाद विभाग ने नियंत्रित शराब बिक्री का बनाया प्रस्ताव- हालांकि सीएम पहले ही कह चुके हैं राज्य में पूर्ण शराब बंदी होगी लागू- विभाग के प्रस्ताव में देशी होगी बंद, विदेशी की बिक्री नियंत्रित करने का प्रस्ताव- बड़े शहरों में 10-10 और छोटे शहरों में 4-4 दुकानें खोलने पर किया जा रहा विचार- 24 को सीएम की समीक्षा बैठक में होगा इसका फैसला, किस नीति को मिलती है मंजूरीसंवाददाता, पटनाराज्य में शराब बिक्री को प्रतिबंधित करने को लेकर कई तरह के कयास चल रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में पूर्ण रूप से शराब बंदी करने की घोषणा कर चुके हैं. इन इनके बीच ही उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने नयी अाबकारी नीति, 2015 को तकरीबन अंतिम रूप दे दिया है. अभी यह नीति कैबिनेट से पास होनी है, इसके बाद ही यह लागू होगी. 24 दिसंबर को सीएम की अध्यक्षता में आयोजित उत्पाद विभाग की समीक्षा बैठक में भी इस नीति के तमाम अहम पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श और समीक्षा की जायेगी. इस दौरान इसमें कई स्तर पर संशोधन होने की संभावना है. सभी स्तर पर मंथन होने के बाद ही इस नयी नीति को राज्य में पूरी तरह से लागू किया जायेगा. फिलहाल इस नयी नीति में कई बातों पर गहन विचार ही चल रहा है. विभाग भी स्पष्ट रूप से नहीं समझ पा रहा है कि इसका सही रास्ता क्या निकाला जाये. नयी अाबकारी नीति में फिलहाल ये प्रस्ताव- देसी शराब पूरी तरह से बंद होगी. इसके सभी ठेके भी होंगे रद्द- इसके उत्पादन का ठेका लेने वाली कंपनियों का लाइसेंस होगा रद्द- पंचायत और ग्रामीण स्तर पर मौजूद देशी, विदेशी और कंपोजिट दुकानें होंगी बंद- सिर्फ विदेशी शराब की बिक्री नगर परिषद और नगर निगम क्षेत्रों में होगी- इसके लिए किसी तरह का लाइसेंस या ठेका सिस्टम से दुकानों का आवंटन नहीं होगा- बिहार राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत इन काउंटरों का संचालन होगा- बड़े शहरों मसलन पटना, मुजफ्फरपुर, गया समेत अन्य में ऐसी 10-10 दुकानें रहेंगी- छोटे शहरों मसलन भागलपुर, मधुबनी, दरभंगा समेत अन्य में 4-4 दुकानें होंगीकाला बाजारी रोकने पर होगा खास फोकसनयी नीति में देशी या विदेशी शराब की काला बाजारी रोकने के लिए खासतौर से ध्यान दिया गया है. इसके लिए यूपी, नेपाल, झारखंड और पश्चिम बंगाल से जुड़े सभी सीमावर्ती जिलों में खासतौर से छापेमारी अभियान चलाया जायेगा. इसके लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने सभी सीमावर्ती जिलों को 5-5 गाड़ियां भेज दी हैं. पुलिस महकमे से सैप के 250 अतिरिक्त जवानों की मांग की गयी है. वर्तमान में सैप के 228 जवानों की सेवा विभाग में छापेमारी के लिए पहले से ही तैनात की जा चुकी है. इसके अलावा जिलों में शराब की पूर्ण बंदी के लिए तमाम तरह की कोशिश शुरू कर दी गयी है.2500 करोड़ का होगा नुकसानराज्य में अगर सिर्फ देसी और मसालेदार शराब की बंदी होती है, तो इससे करीब 2500 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा. अगर विदेशी शराब को भी नयी अाबकारी नीति के तहत नियंत्रित रूप से बेचा जाता है, तो इससे भी राजस्व की उगाही में कमी आयेगी. अगर देशी और विदेशी दोनों शराब पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है, तो करीब पांच हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा.

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