गोपालगंज. नाबार्ड गोपालगंज ने अपनी वार्षिक प्लानिंग वर्ष 2025-26 के प्राथमिकता क्षेत्र में 6558.53 करोड़ के ऋण का आकलन किया है. प्रथम प्रति डीडीसी को प्रस्तुत करते हुए डॉ. अनुपम लाल कुसुमाकर, सहायक महाप्रबंधक नाबार्ड ने वर्ष 2025-26 में जिले के विभिन्न प्राथमिकता क्षेत्रों में उपलब्ध संभाव्यता पर विस्तृत चर्चा की. योजना के तहत जिले में कृषि फसली ऋण – अल्प अवधि (उत्पादन/विपणन) के क्षेत्र में 3164.32 करोड़ तथा कृषि निवेश ऋण में 502 करोड़ का आकलन किया गया है, जिसमें जल संसाधन 119 करोड़, कृषि यंत्रीकरण 15 करोड़, बागवानी 63 करोड़, पशुपालन-डेयरी 149 करोड़, पशुपालन-कुक्कुट पालन 63 करोड़, पशुपालन-भेड़/बकरी/सूअर 25 करोड़, मत्स्य पालन 53 करोड़ तथा अन्य कृषि 4.5 करोड़ शामिल हैं. इसके अलावा, भंडारण-गोदाम एवं अन्य आधारभूत संरचना में 254 करोड़, कृषि प्रसंस्करण तथा अनुषंगी इकाइयों में 370 करोड़ का आंकलन किया गया है. गैर-कृषि एमएसएमई क्षेत्र में 1754 करोड़, शिक्षा क्षेत्र में 49 करोड़, आवास क्षेत्र में 1 करोड़, नवीकरणीय ऊर्जा में 104 करोड़ तथा अन्य सामाजिक संरचना में 9 करोड़ का आंकलन किया गया है. डीडीसी कुमार निशांत विवेक ने नाबार्ड द्वारा वर्ष 2025-26के लिए समय पर ऋण संभाव्यता योजना तैयार करने के लिए बधाई देते हुए बैंकों को निर्देश दिया कि नाबार्ड द्वारा कृषि एवं अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों में आंकी गयी संभाव्यता को ध्यान में रखते हुए वे अपनी वार्षिक ऋण योजना तैयार करने को कहा. आगामी वित्तीय वर्ष के प्रथम कार्य दिवस (01 अप्रैल, 2025) से किसानों एवं आम जन को ऋण देना सुनिश्चित करें, जिससे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके तथा जिले का अनुपात बेहतर हो सके. डीडीएम नाबार्ड ने बैंकों से आग्रह किया कि जिले का ऋण-जमा अनुपात सुधारने के लिए प्राथमिकता क्षेत्र में अपने लक्ष्य की प्राप्ति करें और उपलब्ध संभावना को पूरा करें.
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