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दहेज के लिये पत्नी की हत्या मामला, पति को चार वर्षों की सजा

सीवान : एडीजे छह जीवन लाल की अदालत में दहेज के लिये पत्नी की हत्या मामले में पति को दोषी को पाते हुए चार वर्ष की सजा सुनायी है. साथ ही पांच हजार जुर्माना किया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त दो माह की सजा काटनी होगी. कोर्ट ने भादवि की धारा 306 […]

सीवान : एडीजे छह जीवन लाल की अदालत में दहेज के लिये पत्नी की हत्या मामले में पति को दोषी को पाते हुए चार वर्ष की सजा सुनायी है. साथ ही पांच हजार जुर्माना किया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त दो माह की सजा काटनी होगी.

कोर्ट ने भादवि की धारा 306 के अंतर्गत दोषी पाते हुए यह सजा सुनायी. बताते चले कि आंदर थाना बाजार निवासी वीरेंद्र चौधरी ने अपने आवेदन में कहा था कि अपनी लड़की पुष्पा देवी की शादी 2011 में रघुनाथपुर थाना के सुल्तानपुर निवासी रामा शंकर पासी के पुत्र मनोज पासी के साथ किया था.
शादी के बाद से ही मृतका पुष्पा देवी मोबाइल से दहेज के रूप में बाइक व सोने की चेन की मांग अपने पिता से करती थी. श्री चौधरी ने अपने आवेदन में पति मनोज पासी, ससुन रामा शंकर पासी, सास सोनिया देवी, भसूर विनोद पासी, देवर प्रमोद पासी, ननद निर्मला देवी, दयादिन रिंकी देवी को हत्याकांड में आरोपित किया था.
उसने अपने आवेदन में कहा था कि दहेज के लिए सभी लोग मिल कर मेरी पुत्री का हत्या कर दिये थे. जब सूचना पर वहां गया तो देखा कि घर के बाहर पलानी में मेरी पुत्री का शव पड़ा है. इस मामले में पुलिस ने मनोज पासी को गिरफ्तार किया था. अनुसंधानकर्ता द्वारा अन्य अभियुक्तों को फरार दिखाते हुए सिर्फ मनोज पासी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. अभियोजन से लोक अभियोजक हरेंद्र सिंह, एपीपी रवींद्रनाथ शर्मा, बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह ने बहस किया था.
अपहरण व दुष्कर्म मामले में एक दोषी
सीवान. एडीजे सात पन्ना लाल ने दो बच्चों की मां का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में एक आरोपी दोषी करार किया गया है. बताते चले कि आंदर थाना के फिरोजपुर निवासी मो. मोनिश ने अपने बयान में कहा था कि 16 जनवरी 2011 को खाना खा कर मेरी भाभी रिजवान प्रवीन अपने दो बच्चों के साथ शो रही थी.
सुबह देखा गया तो बच्चों के साथ दो लाख रुपये का सामान लेकर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी थी. उसे जीबी नगर थाना के रामपुर कनहर निवासी इमरान अली ने शादी करने की नीयत से अपहरण कर लिया था. रिजवान प्रवीन के पति विदेश में नौकरी करते थे. जब घर वाले अपहरणकर्ता के घर पूछने गये तो आरोपित फरार पाया गया. कोर्ट ने इमरान अली को भादवि की घारा 366, 376 में दोषी पाया है. कोर्ट में अभियोजन से एपीपी अच्छेलाल व बचाव पक्ष के तरफ से रिजवान अहमद अधिवक्ता थे.

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