गोपालगंज : शहर में मंगलवार को हुए आंदोलन में 12 मरीजों की जान खतरे में पड़ गयी थी. यदि पुलिस आंदोलनकारियों से मशक्कत के बाद इन मरीजों को अस्पताल नहीं पहुंचा पाती तो इनकी जान भी जा सकती थी. सदर अंचल पदाधिकारी विजय कुमार सिंह ने आंदोलन के दौरान हुई घटना की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपते हुए नगर थाने में 15 नामजद समेत 350 अज्ञात आंदोलनकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. सीओ ने कहा कि आंदोलन में छोटे-छोटे बच्चों को पार्टी का झंडा और लाठी देकर इन्हें आगे कर दिया गया था. थोड़ी सी लापरवाही के कारण इन बच्चों की जान को भी खतरा हो सकता था.
सीओ ने कहा कि अचानक नेयाज अहमद के नेतृत्व में 300 से 400 की संख्या में लोगों ने पुलिस प्रशासन के विरोध में नारा लगाते हुए कौशल्या चौक, बंजारी चौक, घोष मोड़, अस्पताल चौक, पोस्ट ऑफिस चौक को जाम कर दिया. उग्र भीड़ अगवा तीन युवतियों की बरामदगी को लेकर नियम के विपरीत प्रदर्शन कर रही थी. सीओ ने कहा कि अस्पताल चौक पर दो घंटा तक विकट स्थिति पैदा कर दिया गया. भीड़ में फंसे कई गंभीर मरीजों को सतर्क पुलिस प्रशासन की मदद से अस्पताल तक पहुंचाया गया,
अन्यता एक दर्जन मरीजों की जान जा सकती थी. सीओ ने कहा कि भीड़ का नेतृत्व कर रहे नेयाज अहमद से जब प्रदर्शन करने के लिए अनुमति पत्र मांगा गया तो कोई कागजात नहीं दिया गया और प्रशासन के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया. सीओ ने कहा कि उत्तेजित भीड़ अनियंत्रित होकर आंबेडकर चौक स्थित पुलिस चौकी पर चढ़कर पुलिस के दोनों तरफ टायर जला दी. इससे चौकी के अंदर काफी धुआं प्रवेश कर गया. प्रशासन ने पुलिसकर्मियों को सर्तकता से बाहर निकाला, अन्यथा दम घूंट सकता था. सीओ ने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा डाला गया. मरीजों के साथ आम लोगों को भी कठिनाई हुई. प्रशासन के अधिकारियों से बार-बार आंदोलनकारियों ने उलझने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने सूझ-बूझ से काम लेते हुए आम लोगों को राहत पहुंचायी.