फोटो- गया- 01- रैली में शामिल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व अन्य वरीय संवाददाता, गया कान हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है. ये हमारे शरीर में सुनने की क्षमता से जुड़ा हुआ है और इसी के चलते हम आवाज को सुन पाते हैं. कान की देखभाल बहुत जरूरी है. बहरापन के मुख्य कारण कान से मैल और मवाद का निरंतर निकलना, कान के अंदरूनी भाग में सूखा घाव, अनुवांशिक बहरापन तथा कान के नजदीक अचानक तेज ध्वनि के कारण बहरापन की समस्या हो सकती है. ऐसे किसी भी लक्षण के दिखने पर बिना देरी किये नजदीकी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर से मिलकर चिकित्सीय परामर्श लेना जरूरी है. उक्त बातें विश्व श्रवण दिवस के मौके पर शहर के जेपीएन में गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने जागरूकता रैली के दौरान कही. उन्होंने कहा कि कान के भीतरी हिस्से बैक्टीरिया या फंगस से संक्रमित हो सकते हैं. इसमें किसी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें. तेज आवाज में ईयर फोन का इस्तेमाल खतरनाक जागरूकता रैली के दौरान लोगों को बताया गया कि तेज आवाज में ईयर फोन या इसका नियमित इस्तेमाल कान को नुकसान पहुंचा सकता है. कान में सूजन और दर्द के कारण बन सकते हैं. कान के संक्रमण का कारण को नजरअंदाज नहीं करें. कानों का संक्रमण इन वजहों से होता है जैसे गंदे पानी के इस्तेमाल से, नहाते वक्त काम में पानी या साबुन रह जाने से, कान की अत्यधिक सफाई से, जो नाजुक भाग को खरोचना शामिल है. कान के रोग के लक्षण -कान दर्द -नींद न आना -बच्चों में सामान्य से अधिक रोना -ध्वनियों को सुनने या जवाब देने में परेशानी -चक्कर आना – बुखार -कान बहना -सरदर्द -भूख में कमी -बहरापन
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है