गया. एएनएमएमसीएच के ऑर्थो विभाग में एक मरीज के हाथ का ऑपरेशन करते वक्त खून की नस कट गयी और हालत गंभीर हो गयी. पटना ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. मरीज की पहचान भुसुंडा मानपुर के रहनेवाले विंदेश्वर प्रसाद के 35 वर्षीय बेटे रिंकू प्रसाद गुप्ता के रूप में की गयी है. मामला शुक्रवार का बताया जाता है. मृतक के परिजन कृष्णा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि गिरने के कारण युवक का हाथ व कमर दोनों टूट गये थे. कुछ दिन पहले ही कमर का ऑपरेशन कर ठीक कर दिया. उसके बाद शुक्रवार को हाथ का ऑपरेशन किया गया. दोपहर बाद बताया गया कि मरीज की हालत ठीक नहीं है. जबकि, ऑपरेशन के लिए ले जाते वक्त डॉक्टरों ने बोला था कि हाथ का ऑपरेशन में कुछ नहीं होता है. शाम को मरीज को रेफर कर दिया गया. एंबुलेंस भी 10 हजार कर्ज लेकर लाया. पटना ले जाते वक्त बेलागंज में एंबुलेंस में मौजूद चिकित्साकर्मी ने कहा कि मरीज की मौत हो चुकी है. इसके बाद वहां पर एक अस्पताल में इसीजी कराने के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया गया. मृत शरीर को मगध मेडिकल लेकर पहुंचे. अधीक्षक से मिलने पर उन्होंने लिखित शिकायत करने की बात कही है. वहीं, थाने में शिकायत लेकर जाने के बाद कहा गया कि यहां पर डॉक्टर के खिलाफ केस करोगे, तो सभी मरीजों को डॉक्टर बाहर कर देंगे. गुप्ता ने बताया कि मृतक काे तीन बेटे व एक बेटी है. इनकी उम्र तीन से सात साल के बीच है.
आनन-फानन में चढ़ाया गया तीन यूनिट ब्लड
मरीज की हालत बिगड़ते देख वहां मौजूद डॉक्टरों ने आनन-फानन में तीन यूनिट ब्लड चढ़ाया. अस्पताल के नियम के अनुसार, ऑपरेशन टेबल पर ब्लड की जरूरत होने पर तुरंत बिना डोनर के भी उपलब्ध कराया जाता है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अधीक्षक के पास एक मरीज के लिए बारी-बारी से तीन यूनिट ब्लड फ्री करने का कागज आने पर उन्होंने संदेह जाहिर किया. उसके बाद अधीक्षक के यहां पहुंच कर यूनिट हेड ने सारी बात बतायी. अधीक्षक ने उस वक्त कहा कि मरीज को कुछ नहीं होना चाहिए. इसमें जो भी करना है जल्द करें.
सीटीवीएस डॉक्टर नहीं रहने के कारण आयी स्थिति
हाथ का डिसलोकशन होने के चलते ऑपरेशन किया गया. इस दौरान खून की नस कटने से ब्लीडिंग होने लगी. तीन यूनिट ब्लड चढ़ाने के बाद मरीज को आइसीयू में शिफ्ट किया गया. ब्लड के नस की इलाज के लिए यहां सीटीवीएस डॉक्टर नहीं हैं. पीएमसीएच व एनएमसीएच में बात करने पर वहां भी इसका इलाज नहीं किये जाने की बात बतायी गयी. उसके बाद भी मरीज की हालत ठीक नहीं होने व ब्लड का नस मरम्मत करने के लिए एम्स में डॉक्टर लक्ष्मी से बात कर रेफर किया गया. वेंट एंबुलेंस से मरीज को भेजा गया है.डॉ ओमप्रकाश, यूनिट हेड सह विभागाध्यक्ष, ऑर्थो विभाग, एएनएमएमसीएच
हाथ के ऑपरेशन के वक्त जान जाना बहुत ही चिंताजनक
हाथ का ऑपरेशन के वक्त जान जाने का खतरा न के बराबर रहता है. इसमें जान गयी है, तो इसकी पूरी जानकारी लेकर जांच करायी जायेगी. मरीजों के मामले में लापरवाही किसी भी स्तर पर नहीं होनी चाहिए. इसका ध्यान सभी को रखना होगा. थोड़ी सी लापरवाही में किसी की जान भी जा सकती है.डॉ एनके पासवान, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच
मामले की करायी जायेगी जांच
मृतक के परिजनों ने ऑफिस में आकर मुलाकात की है. सारी बात परिजनों ने बतायी है. इस मामले में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. परिजनों को लिखित शिकायत करने को कहा गया है. लिखित शिकायत मिलने पर कमेटी से जांच करायी जायेगी, ताकि कमियों का पता लगाया जा सके.
डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, एएनएमएमसीएचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है