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कारखाने चालू, पर केमिकलयुक्त पानी पर अब तक कोई निर्णय नहीं
फल्गु नदी का भूगर्भ जल दूषित होने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला प्रशासन को कार्रवाई का निर्देश जारी किया था. इसके बाद पावरलूम मालिकों ने हड़ताल कर दी. कारखाने एक सप्ताह बंद रहने के बाद सोमवार को फिर चालू तो हो गये, पर केमिकलयुक्त पानी का कोई समाधान नहीं हो सका. फल्गु में […]
फल्गु नदी का भूगर्भ जल दूषित होने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला प्रशासन को कार्रवाई का निर्देश जारी किया था. इसके बाद पावरलूम मालिकों ने हड़ताल कर दी. कारखाने एक सप्ताह बंद रहने के बाद सोमवार को फिर चालू तो हो गये, पर केमिकलयुक्त पानी का कोई समाधान नहीं हो सका. फल्गु में फिर से केमिकलयुक्त पानी गिरने लगा है.
गया: मानपुर के पेहानी, वारिसनगर, मुन्नीनगर व शेखाबिगहा आदि मुहल्लों में भूमिगत जल के दूषित होने की शिकायत के बाद प्रदूषण विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर कार्रवाई का निर्देश दिया था. इसके बाद पटवा टोली इलाके के पावरलूम मालिकों ने हड़ताल कर दी थी. एक सप्ताह तक चली हड़ताल के दौरान प्रदूषण विभाग, उद्योग विभाग व टेक्सटाइल डिपार्टमेंट सिर्फ जांच करते रहे, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका. हां, चारों ओर से आश्वासन जरूर मिला. इससे पहले यहां के लोगों ने पेयजल में दुर्गंध आने व बोरिंग से रंग युक्त पानी निकलने की शिकायत की थी. उसके बाद पानी को लेकर राजनीति शुरू हो गयी. प्रदर्शन व आंदोलन के बाद पानी की जांच करायी गयी.
पीएचइडी की प्रयोगशाला ने यहां के पानी को पीने से अयोग्य करार दिया. इस पर प्रदूषण विभाग ने कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजा था. इसके बाद पावरलूम कारखाना व रंगाई कारखाना के मालिकाें ने हड़ताल कर दी थी. एक सप्ताह बाद फिर से सभी कारखाने तो चालू हो गये, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकला. पावर लूम मालिकों का आरोप है कि पानी की जांच गलत ढंग से की गयी है. कम लागत वाले कारखाने को इस नियम से मुक्त रखा गया है. वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन के अधिकारियों ने कहा था कि केमिकलयुक्त पानी नदी में नहीं गिराया जायेगा. बावजूद इसके आज भी खुलेआम नदी में पानी गिराया जा रहा है. यहां के लोग आज एक किलोमीटर की दूरी से पानी लाकर पीने को मजबूर हैं.
पूरी नदी हो जायेगी दूषित
केमिकलयुक्त पानी नदी में जाने के कारण कुछ दिनों में ऐसा समय आयेगा कि पूरे नदी का पानी ही दूषित हो जायेगा. प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. गरीब की आवाज को हर समय दबाने का प्रयास किया जा रहा है. यहां के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. नगर निगम के अधिकारी को इसकी सूचना दे दी गयी है. सप्लाइ का पानी भी यहां खराब होता जा रहा है. हम रोजगार बंद करने की बात नहीं कर रहे हैं. ट्रीटमेंट प्लांट के सहारे ही केमिकलयुक्त पानी को नदी में डाला जाये. अमीर व गरीब सब की जान बराबर होती है. सरिता देवी, पार्षद, वार्ड 47
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