साथ ही नामांकन व कोर्स चलाने के मामले में अन्य सभी शर्तें बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 व राज्यपाल सचिवालय से निर्गत नियमों का अनुपालन करना होगा.
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एमयू: विदेशी भाषा संस्थान में नामांकन की प्रक्रिया शुरू, 31 तक एडमिशन का मौका
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय में 2007 से चल रहे एकेडमी ऑफ फॉरेन लैंग्वेज एंड कल्चरल कॉरपोरेशन (विदेशी भाषा संस्थान) में नये सत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इच्छुक स्टूडेंट्स 31 अगस्त तक नामांकन ले सकते हैं. इस संस्थान में जर्मन, फ्रेंच, स्पैनिश, चाइनिज, कोरियन, जापानी, थाई, सिंहलीज, रशियन व तिब्बतियन […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय में 2007 से चल रहे एकेडमी ऑफ फॉरेन लैंग्वेज एंड कल्चरल कॉरपोरेशन (विदेशी भाषा संस्थान) में नये सत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इच्छुक स्टूडेंट्स 31 अगस्त तक नामांकन ले सकते हैं. इस संस्थान में जर्मन, फ्रेंच, स्पैनिश, चाइनिज, कोरियन, जापानी, थाई, सिंहलीज, रशियन व तिब्बतियन भाषाओं में अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स चलाये जा रहे हैं.
बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम का करना होगा पालन
इससे पहले राज्य सरकार के संयुक्त सचिव ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मगध विश्वविद्यालय परिसर में स्ववित्तपोषित योजना के तहत चल रहे संस्थान एकेडमी ऑफ फॉरेन लैंग्वेज एंड कल्चरल कॉरपोरेशन में अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स में नामांकन के लिए बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 अद्यतन संशोधित की धारा 61 (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए वर्ष 2016-17 से प्रत्येक भाषा के लिए 30 सीट निर्धारित करने की स्वीकृति दी जाती है.
जॉब ऑरिएंटेड हैं सभी कोर्स
विदेशी भाषा संस्थान की निदेशक प्रो एम निशात अंजुम ने बताया कि पिछले कई वर्षों से यहां चल रहे विभिन्न विदेशी भाषा में कोर्स करने के बाद ज्यादातर छात्र-छात्राएं विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार हासिल कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि विभिन्न विदेशी भाषा की जानकारी प्राप्त करनेवाले स्टूडेंट्स के लिए पर्यटन विभाग, दूतावासों में दोभाषिये, विभिन्न कॉरपोरेट सेक्टर, होटल एंड हॉस्पिटलिटी के क्षेत्र में, एयरपोर्ट पर व भाषा सिखाने वाले शिक्षकों के रूप में रोजगार के व्यापक अवसर हैं. उन्होंने बताया कि एमयू स्थित संस्थान देश का पहला संस्थान है, जहां अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स के तहत एक साथ 10 विदेशी भाषाओं की पढ़ाई होती है. इसके लिए विदेशी शिक्षक के साथ ऑडियो विजुअल तकनीक से भी स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है. साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल की सुविधा भी उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए केवल 40 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. अब तक 50 स्टूडेंट्स नामांकन फॉर्म खरीद चुके हैं व कई स्टूडेंट्स ने दाखिला भी ले लिया है. उन्होंने बताया कि उपरोक्त कोर्सों में दाखिला के लिए अभ्यर्थी का इंटर पास होना अनिवार्य है.
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