गया:नगर निगम बोर्ड की बुधवार की बैठक विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी व अनियमितता पर केंद्रित रही. बैठक की शुरुआत में ही वार्ड नंबर-36 के पार्षद चितरंजन प्रसाद वर्मा व वार्ड नंबर-18 के पार्षद बृजभूषण प्रसाद ने आवास योजना में घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि आइएचएसडीपी व राजीव आवास योजना में अधिकारियों व नेताओं की मिलीभगत से 100 करोड़ का घोटाला किया गया है.
इस योजना के माध्यम से जिन किसी को लाभ दिया गया है, उससे मोटी रकम ली गयी है. पैसों का ट्रांसफर भोपाल व जयपुर तक के खाते में किया गया है. इन आरोपों को निराधार बताते हुए डिप्टी मेयर ओंकारनाथ श्रीवास्तव उर्फ मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि पार्षद 100 करोड़ के घोटाले की बात करते हैं. इस योजना के तहत नगर निगम को 52 करोड़ रुपये ही मिले हैं, इनमें 26 करोड़ रुपये लोगों को अब तक एग्रीमेंट के दिये गये हैं.
आइएचएसडीपी के तहत मलिन बस्ती में रहनेवाले व राजीव आवास योजना के तहत गरीब लोगों को आवास देना है. अगर, किसी वार्ड में अगर किसी संपन्न व्यक्ति का नाम इस योजना में शामिल किया गया है, तो जांच के दौरान पता चलने पर उसकी जगह किसी और को शामिल किया जायेगा. इस योजना के तहत पहली बार 1700 व दूसरी बार में 1300 लोगों का चयन किया गया है. अगर, इसमें कही से भी गड़बड़ी की शिकायत है, तो नगर निगम से कमेटी बना कर इसकी जांच करा ली जाये. नगर आयुक्त विजय कुमार ने कहा कि अन्य सभी वार्डों के लिए हाउस फॉर ऑल योजना के तहत जरूरतमंद को आवास दिया जायेगा. सूची तैयार करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है.
आठ बोरिंग में सात के काम पूरे
पेयजल समस्या को लेकर पार्षदों के प्रश्न पर जल पर्षद के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार सिंह ने कहा कि बोर्ड से पारित आठ बोरिंग में सात बोरिंग के काम पूरे हो गये हैं. इसके अलावा जल्द ही एक बोरिंग करायी जायेगी. नगर आयुक्त ने कहा कि इसके अलावा 5.98 करोड़ की योजना पर देरी होने का मुख्य कारण रहा कि कार्यपालक अभियंता नहीं थे. अब कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग हो गयी है.
काम शुरू करने की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जायेगी. वार्ड नंबर-41 के पार्षद शशिकिशोर शिशु ने चापाकल मरम्मत का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि चापाकल मरम्मत के लिए मगध ट्यूबवेल को नगर निगम से अनुबंध किया गया है. उनके कर्मचारी किसी का फोन तक नहीं उठाते. इनका समर्थन सभी पार्षदों ने किया. इसके बाद कई पार्षदों ने यह भी मामला उठाया कि एक नट कसने का चार्ज भी नगर निगम से 4500 रुपये दिया जाता है. पार्षद ने संक्रामक अस्पताल के पास नगर निगम की जमीन का मामला उठाते हुए कहा कि नगर निगम की यहां पर ढाई कट्ठा जमीन है, जिस पर किसी श्याम प्रसाद ने कब्जा कर मकान बना लिया है.
नगर आयुक्त ने इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की बात कही. वार्ड नंबर-23 के पार्षद खतीब अहमद ने मांग की कि दुर्गाबाड़ी मुहल्ले में पाइपलाइन विस्तार कर पेयजल आपूर्ति की जाये. इसे मंजूरी दे दी गयी. श्री अहमद ने पूर्व महापौर ललिता देवी की प्रतिमा नगर निगम परिसर में लगाने की बात कही, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया. वार्ड पार्षद जितेंद्र वर्मा ने खरखुरा भलुआही तालाब के सौंदर्यीकरण का मामला उठाया, जिसे पारित कर दिया गया. वार्ड-22 के पार्षद लालजी प्रसाद ने रामसागर व अन्य तालाबों के आसपास नगर निगम के जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. इसे हटाया जाये.
जिन योजनाओं के बारे में पार्षदों को दी गयी जानकारी
बैठक में डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग से नगर निगम को तत्काल में 7.8 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इनमें 20-20 प्रतिशत लाइट व जलापूर्ति, 10 प्रतिशत रैनबसेरे व 50 प्रतिशत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में खर्च किया जाना है. उन्होंने बताया कि इसके तहत पितृपक्ष के मौके पर हर वर्ष से नगर निगम बेहतर तैयारी करेगा. शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए चार करोड़ की लागत से सक्शन कंजक्टिंग मशीन खरीदी जायेगी. इससे नाला जाम होने पर पाइप के सहारे पूरे मलबे को निकाल कर सफाई की जायेगी. इस मशीन में पत्थर को तोड़ने की क्षमता है. मशीन में 24 हजार लीटर कचरा संग्रह करने की क्षमता है. इसके अलावा शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रह करने के लिए 250 साइकिल बीन मंगाये जा रहे हैं. इसके साथ ही नगर निगम में 20 ट्रैक्टर टेलर की खरीदारी की जा रही है. बैठक में मेयर साेनी कुमारी, नगर निगम के कार्यपालक अभियंता रजनीकांत तिवारी, जल पर्षद के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार सिंह, सिटी मैनेजर राजमणि गुप्ता व सुरेंद्र राम सहित अन्य माैजूद थे.
वार्ड के प्रभार का मामला उठा
वार्ड नंबर-41 के पार्षद शशि किशोर शिशु को वार्ड नंबर-40 का प्रभार सौंपे जाने का मामला रजनी कुमारी ने उठाते हुए कहा कि वार्ड-40 का प्रभार किस नियम के तहत उन्हें दिया गया है, जबकि वहां की जनता ने मेयर व नगर आयुक्त, दोनों को शिशु के प्रभार के खिलाफ पत्र दिया है. इसलिए उन्हें इस वार्ड के प्रभार से मुक्त किया जाये. इसका समर्थन विनोद मंडल, जितेंद्र वर्मा व बृजभूषण प्रसाद आदि ने किया. इस पर नगर आयुक्त ने जवाब दिया कि वार्ड में कबीर अंत्येष्टि योजना का चेक काटने में परेशानी के कारण उन्हें प्रभार दिया गया है. बोर्ड अनुमोदन नहीं करता है, तो उनसे प्रभार वापस ले लिया जायेगा.