गया: किसानों को इस साल यूरिया के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. बिहार में चार लाख टन यूरिया पिछले साल का बचा है. देखा जाये, तो अनुमानत: बिहार में 10 लाख टन यूरिया की खपत हर वर्ष होती है. उक्त बातें नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड द्वारा बुधवार को एक होटल में आयोजित विक्रेता प्रशिक्षण शिविर में नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के राज्य मुख्य प्रबंधक वीके यादव ने कहीं.
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती में जैविक खाद के लिए प्रेरित करना है. किसानों को प्रेरित करने के लिए सबसे अच्छे माध्यम के रूप में खाद विक्रेता ही साबित हो सकते हैं. देश में सिक्किम ऐसा पहला प्रदेश है, जहां किसानों ने खेती के लिए सिर्फ जैविक खाद का प्रयोग करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जैविक खाद से पैदावार में कमी जरूर आती है, पर होने पैदावार की क्वालिटी बेहतर होती है. शिविर में विक्रताओं को यूरिया व अन्य खाद की तुलना में जैविक खाद का ज्यादा प्रयोग करने के लिए किसान को प्रेरित करने की बात कही गयी.
इस मौके पर किसान विज्ञान केंद्र, मानपुर के कार्यक्रम संयोजक सुरेंद्र चौरसिया, जिला किसान परामर्शी सुदामा सिंह, नेशनल फर्टिलाइजर के पूर्व क्षेत्रीय प्रबंधक जेपी कश्यप, वर्तमान प्रबंधक रामेश्वर प्रसाद सिंह, जिला प्रभारी निशिरंजन दास, यशवंत झारिया, एसएम त्रिपाठी व वितरक भवेश प्रसाद सिंह समेत अन्य माैजूद थे. शिविर में गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, नालंदा, रोहतास, कैमूर व शेखपुरा के खाद विक्रेताओं ने भाग लिया.