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ट्यूशन से आया बेटा, घर से खींच ले गयी पुलिस, जम कर मारा-पीटा
गया : ट्यूशन से हमारा बेटा आया और पुलिस घर के अंदर आकर पकड़ ली. घर के बाहर लाकर महिला व पुरुष सिपाही ने खूब पीटा. बेटा बंद के जुलूस में शामिल नहीं होने की बात चिल्ला-चिल्ला कर बोलता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी.ये आरोप बेलागंज में भारत बंद के दौरान पुलिस पर रोड़ेबाजी […]
गया : ट्यूशन से हमारा बेटा आया और पुलिस घर के अंदर आकर पकड़ ली. घर के बाहर लाकर महिला व पुरुष सिपाही ने खूब पीटा. बेटा बंद के जुलूस में शामिल नहीं होने की बात चिल्ला-चिल्ला कर बोलता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी.ये आरोप बेलागंज में भारत बंद के दौरान पुलिस पर रोड़ेबाजी के बाद पकड़े गये बच्चों को शुक्रवार को कोर्ट लेकर पहुंची पुलिस के साथ पहुंचे उनके परिजनों ने लगाये.
प्राणपुर की रहनेवाली रीमा देवी ने बताया कि सड़क जाम करनेवाले पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भाग निकले. उन्हीं लोगों ने पुलिस पर रोड़ेबाजी भी की. लेकिन, पुलिस ने आसपास रहनेवाले लोगों के घरों में पहुंच कर पुरुष, महिला व बच्चों को पीटा. कई महिलाओं ने कोर्ट परिसर में ही पत्रकारों को अपने शरीर पर हुए डंडे के निशान को दिखाया. पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा सभी कर रहे थे.
यहां पहुंचे लोगों का कहना था कि जो लोग बंद में शामिल थे, उन्हें पुलिस पीटती. निर्दोष को पीटना कहां का न्याय है? कोर्ट में पहुंचे परिजन पत्रकारों के सामने यहां लाये गये तीन नाबालिग बच्चों के आधार कार्ड दिखा रहे थे, जिसमें जन्म तिथि 2004 व 2003 के थे.
लेडीज पुलिस ने पेट में ईंट मारी : सियाराम कॉलोनी की रहनेवाली एक 22 वर्षीय युवती ने बताया कि उसकी मां दूसरे घर पर थी, जहां से उसे लाने जा रही थी. इस बीच वहां लेडीज पुलिस पहुंची और उसके पेट में ईंट से मार दी. वह जमीन पर गिरी तो डंडा से मारने लगी. वह किसी तरह दूसरे घर पर पहुंची, तो पीछे-पीछे पुलिस भी पहुंच गयी और वहां मां के साथ मारपीट की.
14 वर्षीय छोटा भाई घर में बैठा था. उसे पीटते हुए पुलिस अपने साथ लेती गयी. इस दौरान लड़की ने हाथ व पैर में डंडे के निशान को भी दिखाते हुए कहा कि पहली बार इस तरह की घटना देखी हूं. महिला पुलिस ने भी महिलाओं पर बेदर्दी से लाठियां बरसायी हैं. जाम में शामिल लोग पुलिस कार्रवाई शुरू होते ही भाग निकले. बगल में कॉलोनी के हर घर में घुस कर पुलिस ने पिटाई की है.
नाबालिग को हथकड़ी लगाने व हाजत में रखने की चर्चा थाने से कोर्ट तक
बंद के दौरान पकड़े गये लोगों में पांच नाबालिग बताये जा रहे हैं. सभी को बेलागंज थाने से गुरुवार की शाम में कोतवाली थाने में लाकर रखा गया था. बच्चों को भी हाजत में रातभर रखा गया. इसके साथ कोर्ट लाते वक्त नाबालिग बच्चों को भी हथकड़ी पहना कर लाया गया. हथकड़ी पहने बच्चों का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. हथकड़ी लगाने व हाजत में बंद रखने की चर्चा वायरल फोटो के आधार पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के रजिस्ट्रार ने संज्ञान लेते हुए गया पुलिस के वरीय अधिकारी से इस संबंध में बात की है.
इधर, ह्यूमन हेल्पिंग के फाउंडर सह दिल्ली हाइकोर्ट के अधिवक्ता भास्कर अग्रवाल ने कहा कि यह पूरी तौर से मानवाधिकार हनन है. इस मामले में गया ब्रांच से सूचना मिलने में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) में इसकी शिकायत दर्ज करा दी गयी है. साथ ही बच्चों का फोटो भी आयोग के रजिस्ट्रार को उपलब्ध करा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि थाने से कोर्ट तक बच्चों को हथकड़ी लगा कर लाया गया है. यह बाल अधिकार का हनन है. रजिस्ट्रार ने एसएसपी से बात की है. इधर, इस संबंध में एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पकड़े गये लोगों में दो नाबालिग थे. उन्हें जेजेबी (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) के सामने पेश किया गया है. अन्य जिनके बारे पता चला कि सभी बालिग हैं, उन्हें हथकड़ी लगा कर कोर्ट लाया गया था. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के बारे में जांच करने का आदेश एएसपी को दिया गया है. जांच के बाद सब कुछ सामने आ जायेगा.
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