गया : एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में सोमवार को बंद समर्थकों ने जम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान दुकानें व गाड़ियों को बंद कराने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी. शहर से अन्यत्र जगहों के लिए जानेवाली सभी गाड़ियां बंद थीं. सुबह में जो लोग बसों व ट्रेनों से गया पहुंच भी गये, उन्हें अपने घर तक जाने के लिए सोचना पड़ रहा था.
ऑटो व रिक्शा सब कुछ बंद था. लोग हाथों व माथे पर अपना सामान लेकर जाने पर मजबूर थे. इसमें भी कई जगहों पर लोग बंद समर्थकों के घेरे में फंस गये. कई लोग गया कॉलेज मोड़ पर एयरपोर्ट जाने के लिए गाड़ियों को रोक कर हंगामा शांत होने का इंतजार करते देखे गये. सिकरिया मोड़ बस स्टैंड पर, स्टेशन आदि जगहों पर यात्रियों को हलकान होते देखा गया.
मरीज को भी नहीं छोड़ रहे थे बंद समर्थक शहर में सिनेमा हॉल, पेट्रोल पंप आदि तो बंद ही थे. बंद समर्थक मजबूर व मरीज को भी अपने तांडव से दूर नहीं रख रहे थे. हर किसी को सड़क पर चलने से मना किया जा रहा था. जानकारी के अनुसार, काशी नाथ मोड़ पर एक एंबुलेंस को रोका गया. एक महिला प्रभावती अस्पताल के पास रिक्शा पर बीमार बच्चे के साथ जा रही थी, उसे भी बंद समर्थकों ने रोक दिया. महिला मिन्नत करती रही, लेकिन बंद समर्थक एक नहीं माने. बाद में पुलिस की गाड़ी पहुंचने पर महिला वहां से आगे के लिए निकल सकी.
अधिकारी पहुंचे आंबेडकर छात्रावास जिले के कई वरीय अधिकारी पुलिस लाइन स्थित आंबेडकर छात्रावास पहुंच कर छात्रों को घंटों समझाते रहे. यहां पहुंचे डीआइजी विनय कुमार, डीएम अभिषेक कुमार, एसएसपी गरिमा मलिक, सिटी एसपी गौरव मंगला, एएसपी बलिराम चौधरी, सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह, एसडीओ विकास कुमार जायसवाल आदि अधिकारियों ने यहां मौजूद छात्रों को करीब एक घंटे तक समझाया. डीआइजी ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान उत्पात मचाना कानून के विरुद्ध है. आप लोग शहर में बहुत उत्पात मचा चुके, अब शांत हो जायें. उन्होंने कहा कि किसी बात का विरोध करने का हक सभी को है,
लेकिन इसके नाम पर तांडव करने का हक किसी को नहीं है. कुछ देर समझाने के बाद छात्रों ने अधिकारी की बात मानने पर हामी भर दी. छात्रावास के बाहर खड़ी महिलाएं भी हंगामा कर रही थीं. महिलाएं हंगामा के दौरान पकड़े गये युवकों को छोड़ने की मांग कर रही थीं. यहां पहुंच कर एसएसपी ने महिलाओं को समझाया और कहा कि जो भी इस हंगामा में पकड़े गये हैं, निर्दोष होने पर उन्हें छोड़ दिया जायेगा. इसके बाद महिलाएं भी शांत हो गयीं.
युवा राजद अध्यक्ष को डीआइजी ने रोका
समाहरणालय के पास युवा राजद अध्यक्ष सतीश कुमार भाषण दे रहे थे. उनके समर्थक आस-पास तांडव करने से पीछे नहीं हट रहे थे. इस बीच पहुंचे डीआइजी ने बंद समर्थकों व युवा राजद जिलाध्यक्ष को हंगामा शांत करने को कहा. डीआइजी ने समझाते हुए कहा कि बहुत हो गया अब बस करें. इस पर युवा राजद अध्यक्ष ने माइक से अनाप-शनाप बोलना शुरू कर दिया. इतने में डीआइजी ने आदेश दिया कि इन्हें उतार कर ले जाओ. आदेश मिलते ही उनके साथ चल रहे जवानों ने टेंपो से उतार कर राजद नेता को डीआइजी कार्यालय परिसर में ले गये. उसके बाद उनके समर्थक भी वहां से चले गये.