इसमें कुल 36 प्रशिक्षकों द्वारा 15 से 35 वर्ष तक की युवतियों व युवकों को साक्षर बना कर महापरीक्षा में शामिल किया जा रहा है और उन्हें साक्षर का प्रमाणपत्र दिया जाता है. इसके अलावे केंद्रों पर सरकारी योजनाओं की जानकारी, अपना हक व अधिकार की जानकारी के साथ हस्तशिल्प उद्योग लगाने, राखी निर्माण, सिलाई कटाई सीखा कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.
पुनावां पंचायत के लोक शिक्षण केंद्र की प्रशिक्षक अंजलि कुमारी व रूबी कुमारी की देखरेख में कई महिलाएं साक्षर होकर व सिलाई की हुनर सीख कर आत्मनिर्भर हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री द्वारा पटना में अंजलि को अच्छे कार्य पर सम्मानित भी किया गया है. इस केंद्र से मनोरमा, सुनीता, संगीता, आरती व माला ने अपने घर गृहस्थ के साथ सिलाई का काम करके स्वावलंबी बन चुकी हैं. कुसुम माथुरी ने बताया कि केंद्र पर साक्षर हुए लोगों की महापरीक्षा 20 अगस्त को होगा. उन्होंने बताया कि वजीरगंज के विभिन्न केंद्रों की जांच हेतु 23 जुलाई को दिल्ली से केंद्रीय साक्षरता टीम आ रही है, जो योजना से लाभान्वित लोगों व केंद्र का अवलोकन कर सरकार को रिपोर्ट करेगी. इधर, अंजलि, जूली, कुमारी सुशीला सिन्हा व संचित कुमार आदि ने बताया कि हमलोग इस योजना में 2011 से जुड़े हैं, लेकिन 2000 ही मानदेय मिलता है. वह भी समय पर नहीं मिलता है. अभी छह माह से मानदेय नहीं मिला है. उन्होंने सरकार से मानदेय बढ़ाने के साथ स्थायी करने की मांग की है.