28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Gandhi Jayanti: असहयोग आंदोलन के दौरान बापू आये थे सासाराम, हजारों लोगों ने सड़क पर किया था स्वागत

Gandhi Jayanti: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1920 असहयोग आंदोलन शुरू किया था. असहयोग आंदोलन की सफलता के लिए वे देश भर के भ्रमण पर थे. इसी दौरान 11 अगस्त 1920 को शाहाबाद जिले के अनुमंडल मुख्यालय सासाराम, बिक्रमगंज और नवाब की नगरी कोआथ में जनसभा को संबोधित किया.

Gandhi Jayanti: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1920 असहयोग आंदोलन शुरू किया था. असहयोग आंदोलन की सफलता के लिए वे देश भर के भ्रमण पर थे. इसी दौरान 11 अगस्त 1920 को शाहाबाद जिले के अनुमंडल मुख्यालय सासाराम (वर्तमान में रोहतास जिला मुख्यालय), बिक्रमगंज और नवाब की नगरी कोआथ में जनसभा को संबोधित किया. गांधीजी के व्यक्तित्व व ओजस्वी भाषण का जिले के लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा. आलम यह था कि पहला भाषण कोआथ में हुआ. जब भाषण समाप्त कर गांधीजी बिक्रमगंज के लिए निकले, तो हजारों की भीड़ उनके पीछे बिक्रमगंज तक जा पहुंची थी. यही आलम गांधीजी के सासाराम तक पहुंचने पर रहा. जगह-जगह गांधीजी का स्वागत होता रहा. लोग इतने उत्साहित थे कि सासाराम पहुंचने में गांधीजी को पूरा दिन लग गया था.

गांधी के भाषण से आंदोलन ने पकड़ा था जोर

गांधी जी के आगमन और उनके भाषण के प्रभाव का असर रहा कि पूरा जिला असहयोग आंदोलन में उतर पड़ा. इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका कोआथ के रामेश्वर प्रसाद केशरी, करगहर प्रखंड के सोहसा गांव के नगीना चौधरी व नासरीगंज के राजनडीह गांव निवासी श्रीनिवास सिंह ने निभायी. इन्होंने जिले भर में घूमघूम कर गांधीजी के असहयोग आंदोलन का अखल जगाया. इस आंदोलन का जिले में इतना बड़ा असर रहा कि कालांतर में गांधीजी के अन्य आंदोलनों में जिले के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे थे.

नमक सत्याग्रह में भी जिले के लोगों ने बढ़-चढ़ कर लिया था भाग

असहयोग आंदोलन के दौरान गांधी जी के भाषण का ही असर था कि 6 जून 1930 को दांडी में नमक बना कर महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की शुरूआत की, तो जिले के बहुआरा गांव के दीपक नारायण सिंह व इंद्रदेव सिंह, ज्ञानपुर सिमरियां गांव के जीतन पांडेय, बागमझउआं गांव के हरेन्द्र सिंह, सासाराम के कृष्ण बहादुर व रंग बहादुर, डेहरी के अब्दुल क्यूम अंसारी, बरेज गांव के बबन सिंह, दुर्गावती गांव के मानिकचंद व बद्री सिंह ने बड़ी भूमिका निभायी थी. जब गांधीजी ने 9 नवंबर 1940 को व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू किया, तो जिले के बुद्धन राय वर्मा, लक्ष्मी नारायण सिंह, यदुवीर गोस्वामी, अवधेश कुमार सिंह, सूर्य नारायण दूबे उर्फ जुल्मी दूबे, सरयू प्रसाद टंडन, कैलाश सिंह, दिनेश दत्त गिरी, जगन्नाथ प्रसाद सिंह, मंगल चरण सिंह, राजकुमार लाल, रामसुभग सिंह, ठाकुर नंद किशोर सिंह ने भी सत्याग्रह किया. अपनी गिरफ्तारियां दीं. अधिकतर को सश्रम करावास की सजा हुई थी.

रिपोर्ट: अनुराग शरण

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें