Bihar News: बिहार के गांवों में बन रही सड़कों और पुलों को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया. दरअसल, इनके गुणवत्तापूर्ण निर्माण और उनका बेहतर रखरखाव करने के लिए राज्य सरकार अब जीआईएस आधारित निगरानी की नई व्यवस्था लागू करेगी. इसके तहत ड्रोन सर्विलांस सिस्टम, सीसीटीवी सहित अन्य मॉडर्न अप्लायंस की मदद ली जायेगी.
बनाया जायेगा कंट्रोल कमांड सेंटर
साथ ही मुख्यालय में एक कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया जायेगा, जिसके माध्यम से फील्ड इंजीनियरों के निरीक्षण की निगरानी सहित सड़कों की स्थिति का निरीक्षण किया जा सकेगा. ग्रामीण कार्य विभाग के स्तर से हाईटेक वाली इस व्यवस्था को लागू करने में करीब 178 करोड़ 52 लाख 21 हजार रुपये की लागत का अनुमान है.
इतने रुपये खर्च होने की संभावना
सूत्रों के अनुसार, हाईटेक की इस व्यवस्था से निरीक्षण करने पर ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से किये जाने वाले निरीक्षण मद की खर्च में करीब सात से आठ सौ करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है. साथ ही इस नई तकनीक से ग्रामीण सड़कों पर अतिक्रमण का पता भी लगाया जा सकेगा. साथ ही तेजी से उस पर कार्रवाई की जा सकेगी. इससे अब लोग नई ग्रामीण सड़कों का अतिक्रमण नहीं कर पायेंगे, जिसकी वजह से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी.
नयी व्यवस्था बनाने में एजेंसी की ली जायेगी मदद
सूत्रों के अनुसार, इस नई व्यवस्था के माध्यम से जूनियर इंजीनियर से लेकर मुख्य इंजीनियर और अधिकारियों की गतिविधियों को डैशबोर्ड पर देखा जा सकेगा. ग्रामीण सड़कों और पुलों को बेहतर बनाये रखने और गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए हाईटेक आधारित व्यवस्था विकसित करने के लिए एजेंसी की मदद ली जायेगी. ग्रामीण कार्य विभाग ने इसका नामकरण इंटेलिजेंट रूरल रोड मेंटेनेंस मॉनीटरिंग सिस्टम (आईआरआरएमएमएस) रखा है. इस व्यवस्था के तहत सभी अप्लायंसों और तकनीक को व्यवस्थित करने के लिए टेंडर के माध्यम से एजेंसी का चयन किया जायेगा.

