Darbhanga News: दरभंगा. मिथिला लोक संस्कृति मंच की तत्वावधान में मिथिला महोत्सव के दूसरे दिन बलभद्रपुर स्थित रामाश्रय राय पब्लिक स्कूल प्रांगण में आयोजित कवि सम्मेलन में मैथिली कविता के माध्यम से रचनाकारों ने समां बांध दिया. चंद्रेश की अध्यक्षता एवं बैद्यनाथ विमल के संचालन में फुलचंद्र मिश्र प्रवीण ने आइ-काल्हि इज्जत हवा में उड़ियाइ छै पंक्ति से अपनी रचना पढ़ी तो प्रतिभा स्मृति ने मिथिला का महिमा मंडन करते हुए शक्ति स्वरूपा बहिन भूमिजा मिथिला के पहचान छै प्रस्तुत किया. मुन्नी मधु ने हमरा छोड़ि आन सबके तकने फिरै छै ओ, तो सुषमा झा ने जुड़ा दियने शीतल जल सॅं रचना प्रस्तुत की. मौके पर ऋतु प्रज्ञा, डॉ शंभुनाथ झा, डॉ उषा चौधरी, कुमारी पुष्पा, मिथिलेश कुमार, अरुण कुमार चौधरी, योगानंद झा आदि ने भी रचनाएं पढ़ी. संयोजक डॉ विजय शंकर झा ने कवियों का स्वागत किया. इससे पूर्व शनिवार की देर शाम महोत्सव का उद्घाटन संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने अतिथियों के साथ किया. गोसाउनिक गीत एवं विद्यापति गीत से आरंभ महोत्सव में विभिन्न क्षेत्र में विशिष्ट अवदान देने वाले लोगों को मिथिला सेवा सम्मान प्रदान किया गया. इसमें लक्ष्मण झा सागर को हितनाथ झा सम्मान से विभूषित करते हुए 25 हजार का नकद चेक प्रदान किया गया. मौके पर शिव किशोर राय, चंद्रमोहन झा पड़वा, विनोद कुमार मिश्र, चंद्रशेखर चौधरी, राकेश कुमार सिंह, विभा झा, मुन्नी मधु एवं नेपाल के रामभरोस कापड़ि को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर बतौर अतिथि विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैद्यनाथ चौधरी बैजू, उपमहापौर नाजिया हसन, रामनारायण झा, मस्कुर उस्मानी, हेमचंद्र राय, शंकर झा आदि भी मौजूद थे. महोत्सव के दौरान मिथिला में पलायनक स्थिति, समस्या आ समाधान विषय पर टुनटुन झा अचल की अध्यक्षता में संगोष्ठी भी हुई.
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