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Darbhanga News: किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों को किसानों के खेतों तक पहुंचना होगा : रामनाथ ठाकुर

Darbhanga News: किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों को किसानों के खेतों तक पहुंचना होगा.

Darbhanga News: जाले. किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों को किसानों के खेतों तक पहुंचना होगा. वहां उनकी परेशानी समझ उसे दूर करने का तरीका समझाना होगा. यह निर्देश कृषि विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को कृषि को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कही. उन्होंने यह निर्देश कतरौल-बसंत पंचायत के जीविका दीदी रेणू देवी व नरौछ निवासी किसान राघवेन्द्र प्रसाद द्वारा अपनी समस्या उठाने पर दिया. उन्होंने किसानों को भी अत्यधिक उर्वरकों के प्रयोग से बचने की बात कही. कहा कि मिट्टी जांचोपरांत ही उर्वरकों प्रयोग करना चाहिए. अत्यधिक उर्वरकों से आलू, बैगन सहित सभी अनाज स्वादहीन हो गए हैं. उन्होंने प्राकृतिक खेती करने, स्वादहीन की जगह स्वादिष्ट अनाज व सब्जी उत्पादन करने पर जोर देने को कहा. उन्होंने डॉ राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ पीएस पांडेय से भी प्राकृतिक खेती पर और अधिक कार्य करने तथा हर क्षेत्र के किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर करने को कहा. मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की समृद्धि के लिए तत्पर है. अधिकारियों व वैज्ञानिकों का सहयोग मिलेगा तो वह दिन दूर नहीं कि दूसरे देश से अनाज खरीदने वाला भारत दूसरे देशों को अनाज बेचने लगेगा. उन्होंने कहा कि 1972 से पूर्व वे भी दरभंगा जिला के ही निवासी थे. वे इस क्षेत्र के किसानों के कष्टों से भलीभांति परिचित हैं. उन्होंने किसानों से मरुआ, सामा, कौनी आदि मिलेट के साथ-साथ मखान, मछली व सिंघाड़ा की खेती पर भी जोर देने की अपील की. उन्होंने प्रदेश सरकार के नगर विकास व आवास मंत्री जीवेश कुमार की सभी मांगों को जायज बताते हुए सभी को पूरा करने का आश्वासन दिया. मंत्री सह स्थानीय विधायक जीवेश कुमार ने किसानों की समस्याओं को स्थायी रूप से समाधान के लिए एक वातानुकूलित सभागार व कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में एक कृषि महाविद्यालय खोलने का आग्रह केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री से किया. मंत्री ने विकसित संकल्प कृषि अभियान के बारे में जानकारी दी. कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को किसानों से फीड बैक लेकर उनकी समस्याओं को जानना व उसका निराकरण करना ही इस अभियान का मूल उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि 11 वर्षों में पीएम नरेन्द्र मोदी के शासन काल में किसान लक्ष्य से 50 लाख मीट्रिक टन अधिक उत्पादन करने में सफल हुए हैं. इसमें दलहन के साथ धान व गेहूं फसल शामिल है. उन्होंने किसानों से स्थायी एवं परम्परागत खेती की ओर बढ़ने का सुझाव दिया. इस दौरान किसानों के साथ मंत्री व अधिकारियों का सीधा संवाद हुआ. नरौछ के किसान राघवेन्द्र प्रसाद ने मंत्री, वैज्ञानिक व अधिकारियों को खेतों में लगे फसल पर जंगली जानवरों द्वारा नष्ट किए जाने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. वहीं कतरौल-बसंत पंचायत निवासी सह जीविका दीदी रेणु देवी ने कृषि योग्य सभी भूमियों को सिंचाई का अभाव व खाद-बीज समय पर उपलब्ध नहीं होने की समस्या रखी. वहीं बीस सूत्री अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार ने जोगियारा के कृषकों के हित के लिए मरखहिया चौर से गौतम कुंड तक नहर निर्माण कराए जाने की मांग की. संचालन कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के निदेशक प्रसार डॉ मयंक राय ने किया. मौके पर आइसीएआर के निदेशक डॉ केके सिंह, अटारी पटना के निदेशक डॉ अंजनी कुमार, मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा के वैज्ञानिक डॉ इंदु शेखर सिंह समेत कई वैज्ञानिक व डीएओ सिद्धार्थ सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे. इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मुद्रित प्रसार पुस्तिका का विमोचन मंत्री द्वय द्वारा किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया. आगत अतिथियों का स्वागत कृषि विज्ञान केंद्र परिवार द्वारा पारंपरिक रूप से किया गया.

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