Darbhanga News: कमतौल. मधपुर निवासी 35 वर्षीय युवक रामबाबू सहनी नंगे पांव, माथे पर तिलक, हाथ में बैनर, पीठ पर बैग लिए प्रेमानंद महाराज से मिलने वृंदावन के लिए गुरुवार को पैदल निकल गया. बताया कि वह संत प्रेमानंद महाराज से खासा प्रभावित है. रोजी रोटी के सिलसिले में दुबई में काम करता था. कुछ भी खा पी लेता था. करीब पांच वर्ष पहले यूट्यूब पर भागवत कथा सुना. इसके बाद रास्ता चेंज हो गया. यूट्यूब पर भागवत कथा सुनने के क्रम में ही उनको अपना गुरु मान लिया. अब प्रेमानंद महाराज से दीक्षा लेने के लिए वृंदावन के लिए निकला हूं. कहा कि शादी को 11 साल हो गया. कोई संतान नहीं है. दुबई की नौकरी छोड़ डेढ़ वर्ष से गांव में रहता हूं. वहां पहुंचने के बाद जो गुरु का आदेश होगा, वही किया जाएगा.
15 दिनों में वृंदावन पहुंचने का लक्ष्य
21 अगस्त को अपने गांव से निकले रामबाबू ने बताया कि 15 दिन में वृंदावन पहुंचने का लक्ष्य है. ट्रेन या किसी अन्य वाहन से वृंदावन जाने के सवाल पर कहा कि पांव-पैदल ही चल कर गुरू के यहां पहुंचेंगे.
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