तापमान का पारा चढ़ते ही गहराया पेयजल संकट वार्ड वार गाड़े गये समरसेबुल के बावजूद स्थिति विकट दरभंगा. चैत्र मास की ठंडक को लेकर मिथिला में एक कहावत प्रचलित है कि गाय बेचकर इसी महीने में एक ब्राह्मण ने कंबल खरीदा था. आज यह कहावत पूरी तरह से अप्रासंगिक हो गयी है. चैत मास आरंभ होने से पूर्व ही पेयजल का संकट उस इलाके में गहरा गया है, जिसे तालाबों का शहर कहा जाता है. स्थिति इस कदर विकराल होने लगी है कि बमुश्किल आधा मार्च अभी गुजरा है और लगभग आधे शहर के लोग निगम के टैंकर से मिलने वाले पानी पर आश्रित हो गये हैं. उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों से गरमी अधिक प्रचंड रूप धारण करने लगी है. यही कारण है कि इन दिनों मौसम का मिजाज काफी तल्ख दिख रहा है. अभी ही दिन का औसत उच्चतम तापमान 35 डिग्री के करीब पहुंच गया है, जो सामान्य से लगभग तीन से चार डिग्री अधिक बताया जा रहा है. बरसात की अवधि सिकुड़ती जा रही है. जलाशय खत्म होते जा रहे हैं. वर्षा भी कम होती है. इस वजह से प्रतिवर्ष पेयजल संकट विकराल होता जा रहा है, जिसकी झलक अभी से मिलनी शुरू हो गयी है. सामान्य चापाकल तो पिछले करीब एक दशक से बेकाम साबित हो रहे हैं. अब तो कम गहराई में गाड़े गये समरसेबुल से भी पहले की तरह पानी नहीं मिलता. इस वजह से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त होने लगा है. 13 वार्डों में निगम प्रशासन फिलहाल टैंकर की मदद से पेयजल की आपूर्ति कर रहा है. फिलहाल चार हजार लीटर क्षमता के चार टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है. इन वार्डों में पानी की किल्लत : नगर निगम में 48 वार्ड हैं. इसमें 13 वार्ड में पानी पहुंचाया जा रहा है. इन वार्डों में 10, 11, 12, 22, 24, 30, 31, 33, 37, 38, 42, 47 व 48 वार्ड सम्मिलित है. मांग के अनुरूप इन दिनों एक से दो टैंकर पानी की आपूर्ति की जा रही है. बताया जाता है कि चार हजार क्षमता वाले चार टैंकर से सेवा दी जा रही है, जबकि इसी क्षमता के छह टैंकरों में दो खराब पड़े हैं. वैसे दो हजार लीटर क्षमता के दो टैंकर हैं. 20 सिटेंक्स भी हैं, जिसमें 10 के क्षतिग्रस्त होने की बात कही जा रही है. प्रत्येक वार्ड में लगे हैं पांच-पांच समरसेबुल : 2019 में सर्वप्रथम विकराल हुए पेयजल की समस्या के बाद से अब तक विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निगम क्षेत्र के वार्डों में पांच-पांच समरसेबुल लगाये जा चुके हैं. इन समरसेबुलों में टैंकर लगाकर पाइप के जरिए लोगों के घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है. इसके बावजूद पानी की किल्लत से वार्ड के लोगों को जूझना पड़ रहा है. इसके अतिरिक्त वार्डवार दो-दो और समरसेबुल लगाये जा रहे हैं. इसमें लगभग दर्जन भर समरसेबुल लगाये जा चुके हैं. इधर लोग आने वाले समय में इस समस्या के और गंभीर होने की चिंता से सहमे हुए हैं.
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